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भारत की जमीन हथियाने को लेकर अमेरिका ने चीन पर लगाया ऐसा आरोप कि तिलमिला जाएगा ड्रैगन

भारत और चीन की सेनाएं पांच मई से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के कई क्षेत्रों में गतिरोध में फंसी हैं। पिछले महीने गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष में हालात बिगड़ गए थे, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे।

नई दिल्ली। कोरोना जैसे वायरस को लेकर अमेरिका के निशाने पर आए चीन पर अमेरिका ने एक और आरोप लगाया है, जिसे सुनकर ड्रैगन तिलमिला जाएगा। आरोप भी ऐसा कि जिसे सुनते ही चीन की चालबाजी दुनिया के सामने आ जाएगी। आपको बता दें कि अमेरिका ने चीन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि, चीन कोरोना के बहाने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता था।

India china LAC border

बता दें कि अमेरिकी प्रतिनिधि सभा ने राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम (एनडीएए) में संशोधन को सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। इसमें गलवान घाटी में भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता और दक्षिण चीन सागर जैसे विवादित क्षेत्रों में तथा आसपास में चीन की बढ़ती क्षेत्रीय दबंगई पर निशाना साधा गया है। साथ ही कहा गया है कि चीन कोरोना के बहाने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करना चाहता था।

चीन के विस्तारवादी नीति को लेकर प्रतिनिधि सभा ने भी चिंता जताई। इसमें कहा गया कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी), दक्षिण चीन सागर, सेनकाकु द्वीप जैसे विवादित क्षेत्रों में चीन का विस्तार और आक्रामकता गहरी चिंता के विषय हैं। एनडीएए संशोधन भारतीय गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की खूनी झड़प और दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती दखलअंदाजी की मुखरता से आलोचना करता है।

Laddakh Ind china LAC Leh

द्विपक्षीय संशोधन में भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में भारत के खिलाफ चीन की आक्रामकता पर विरोध जताया गया है। इसमें कहा गया कि चीन ने कोरोना वायरस से ध्यान बंटाकर भारत के क्षेत्र पर कब्जा करने की कोशिश के साथ ही दक्षिण चीन सागर में अपना क्षेत्रीय दावा मजबूत करने की कोशिश की है। कानूनी संशोधन में कहा गया है कि 15 जून तक चीन ने एलएसी पर पांच हजार सैनिक तैनात कर दिए थे।

बता दें कि भारत और चीन की सेनाएं पांच मई से पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के कई क्षेत्रों में गतिरोध में फंसी हैं। पिछले महीने गलवान घाटी में हुए हिंसक संघर्ष में हालात बिगड़ गए थे, जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे। वहीं भारत का समर्थन करते हुए संसद में सांसद स्टीव शैबेट ने बयान दिया है कि भारत एशिया प्रशांत में अमेरिका का एक अहम लोकतांत्रिक सहयोगी है। उन्होंने कहा, मैं भारत का समर्थन करता हूं। साथ ही उन क्षेत्रीय सहयोगियों के साथ भी खड़ा हूं जो चीन की आक्रामकता का सामना कर रहे हैं।