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ATA Report: ‘अगर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कोई हिमाकत की तो पीएम मोदी छोड़ेंगे नहीं’, अमेरिकी खुफिया विभाग की चेतावनी

बता दें कि मोदी सरकार के दौर में पाकिस्तान की तरफ से आतंकी हमलों का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से दिया गया था। इस पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। दोनों के बीच जंग की नौबत भी बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद आ गई थी।

वॉशिंगटन। पाकिस्तान को भारत की सैन्य कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। ये बात अमेरिकी खुफिया विभाग (एटीए) की तरफ से अपने देश की संसद को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है। एटीए की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के किसी भी उकसावे का मोदी सरकार सैन्य ताकत से जवाब दे सकती है और इसकी संभावना बहुत ज्यादा है। एटीए की रिपोर्ट में कहा गया है कि परमाणु संपन्न ताकत भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चिंता की बात है। इस रिपोर्ट में एटीए ने कहा है कि पाकिस्तान का लंबा इतिहास है कि वो भारत के खिलाफ उग्रवादी समूहों को समर्थन देता रहा है। दोनों पक्षों के बीच तनाव, कश्मीर में अशांति और किसी भी आतंकी हमले की सूरत में भारत और पाकिस्तान के बीच जंग की बड़ी आशंका एटीए ने अपनी रिपोर्ट में जताई है।

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बता दें कि मोदी सरकार के दौर में पाकिस्तान की तरफ से आतंकी हमलों का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक से दिया गया था। इस पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। दोनों के बीच जंग की नौबत भी बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद आ गई थी। अब अमेरिकी खुफिया विभाग एटीए की रिपोर्ट से साफ है कि पाकिस्तान की एक भी गलती उसपर भारी पड़ सकती है। क्योंकि पीएम नरेंद्र मोदी का साफ कहना है कि वो शठे शाठ्यम समाचरेत यानी जैसे को तैसा की तर्ज पर जवाब देने में भरोसा करते हैं। मोदी के इस सूत्रवाक्य का उदाहरण पाकिस्तान देख भी चुका है।

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एटीए की रिपोर्ट में चीन और भारत के बीच तनाव का भी जिक्र है। इसमें कहा गया है कि भारत और चीन में सीमा का मसला सुलझाने के लिए द्विपक्षीय बातचीत हुई है। एलएसी पर कई जगह तनाव को दूर भी किया गया है, लेकिन 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प की वजह से दोनों के संबंधों में तनाव बना रहेगा। अमेरिकी खुफिया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक एलएसी का विवाद भारत और चीन के बीच सशस्त्र संघर्ष को बढ़ाती है। दोनों के बीच छोटे टकराव बड़ा रूप ले सकते हैं।