
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत अन्य देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। इस टैरिफ को लागू करने के लिए उन्होंने 2 अप्रैल की तारीख सुनिश्चित की है। यूएस कांग्रेस में ट्रंप ने अपने लगभग 1 घंटे 45 मिनट के संबोधन में दो बार भारत का नाम लिया। ट्रंप जिन देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाना चाहते हैं उनमें भारत के अलावा चीन, कनाडा, ब्राजील और मैक्सिको समेत कुछ अन्य देश भी शामिल हैं। आइए आपको बताते हैं कि ये रेसिप्रोकल टैरिफ है क्या और डोनाल्ड ट्रंप ने इसे लागू करने के लिए 2 अप्रैल की ही तारीख क्यों चुनी?
रेसिप्रोकल शब्द का अर्थ होता है पारस्परिक और टैरिफ का मतलब है टैक्स। आसान शब्दों में कहें तो यह वह टैक्स है जो ‘जैसे तो तैसा’ की नीति पर काम आधारित है। मसलन कोई देश अमेरिका के उत्पाद पर अपने देश में जितना टैक्स लगाएगा, उसी के अनुरूप अमेरिका भी उस देश के उत्पाद पर अपने देश में उतना ही टैक्स लगाएगा। मान लीजिए अगर भारत किसी अमेरिकी प्रोडक्ट पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाता है तो अमेरिका भी भारत पर 5 प्रतिशत टैक्स लगाएगा। ट्रंप का कहना है रेसिप्रोकल टैक्स से यह सुनिश्चित होगा कि कोई देश दूसरे देश के सामान पर अत्यधिक कर ना लगाए।
ट्रंप ने कहा कि बहुत से ऐसे देश हैं जो आयात शुल्क के नाम पर अमेरिका से अत्यधिक टैक्स वसूलते हैं इसलिए अब हमने भी फैसला किया है कि हम भी उन देशों के साथ ऐसा ही करेंगे। साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी बताया कि वो रेसिप्रोकल टैरिफ को पहले 1 अप्रैल से लागू करना चाह रहे थे मगर उन्होंने कहा कि लोग इसे ‘अप्रैल फूल डे’ से जोड़कर ना देखें इसलिए हमने इसे लागू करने की तारीख एक दिन बढ़ाते हुए 2 अप्रैल सुनिश्चित की है।