टोक्यो/ नई दिल्ली। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के संगठन क्वॉड ने चीन को सीधी चेतावनी दे दी है कि वो ताइवान पर हमला कर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यूक्रेन जैसा माहौल बनाने की कतई कोशिश न करे। संगठन की कल हुई वर्चुअल बैठक के बाद जापान के पीएम फुमियो किशिदा ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने ये प्रतिबद्धता जताई कि हिंद-प्रशांत इलाके में यूक्रेन की हालत का फायदा किसी को भी नहीं उठाने दी जाएगी। यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद पहली बार ऐसा है, जब अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने चीन को ताइवान पर हमले से बचने की चेतावनी सीधे तौर पर दी है।
यूक्रेन पर रूस के हमले का जिक्र करते हुए किशिदा ने कहा कि सभी देश सहमत थे कि हिंद-प्रशांत इलाके में यथास्थिति में एकतरफा बदलाव की मंजूरी किसी को न दी जाए। इस दौरान पीएम मोदी ने यूक्रेन के मसले का उल्लेख करते हुए बातचीत और कूटनीति के रास्ते को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बातचीत के जरिए ही हर मुद्दे का समाधान निकाला जाना चाहिए। मोदी ने कहा कि हमें हिंसा का रास्ता छोड़कर बातचीत से यूक्रेन का संकट खत्म करने की जरूरत है। मोदी ने कहा कि क्वॉड को भारत-प्रशांत इलाके में शांति, स्थिरता और समृद्धि को बढ़ावा देने के अपने मूल उद्देश्य पर फोकस करने की जरूरत है।
उन्होंने मानवीय और आपदा राहत, कर्ज की स्थिरता, आपूर्ति श्रृंखला बहाल रखने, साफ ऊर्जा, कनेक्टिविटी और क्षमता निर्माण के क्षेत्रों में सहयोग के ठोस और व्यावहारिक कदम उठाने की भी बात कही। बैठक में दक्षिण-पूर्व एशिया, हिंद महासागर क्षेत्र और प्रशांत द्वीप समूह की स्थिति पर भी चर्चा की गई। मोदी ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और संप्रभुता के अलावा सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने के महत्व को दोहराया।