लंदन। द्वितीय विश्व युद्ध दुनिया के लिए अगर कुछ लाया तो वो है तबाही और खौफ, अनगिनत बम, अनगिनत धमाके, अनगिनत एक्सपेरिमेंट और लड़ने वाले देशों की सनक ने दुनिया को एक नए सिरे से मोड़ दिया। दुनियाभर में कई जगह सेकंड वर्ल्ड वॉर के समय के बिना ब्लास्ट हुए बम पड़े हुए हैं। जमीन के नीचे दबे इन बमों से खतरा लगातार बना रहता है। पहले भी कई बार एक्सपर्ट्स को इन बमों को निष्क्रिय करते हुए देखा जा चुका है। हाल ही में, ब्रिटिश आपातकालीन सेवाओं और एजेंसियों ने सेकंड वर्ल्ड वॉर के समय के एक बम को ब्लास्ट करके खत्म कर दिया। यह घटना ब्रिटेन के नॉरफॉक में हुई है। स्थानीय पुलिस ने कहा कि बम को ब्लास्ट करने हेतु पहले से कोई प्लानिंग नहीं की गई।
आपको बता दें कि प्राप्त जानकारी के अनुसार जब इसे निष्क्रिय किया जा रहा था, तभी इसमें ब्लास्ट हो गया। बाद में अधिकारियों को जानकारी दी गई कि इस ब्लास्ट में कोई हताहत नहीं हुआ है। नॉरफॉक पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने भी अनियोजित विस्फोट के फुटेज साझा किए गए हैं। मंगलवार सुबह जब सेकंड वर्ल्ड वॉर का बम मिला तो उसके बाद उस इलाके में रहने और काम करने वाले हजारों लोगों को वहां से निकाला जाने लगा। हालांकि, रोबोटों को तैनात करने के प्रयास योजना के अनुसार नहीं हुए और इसी दौरान विस्फोट हो गया। सुरक्षा बल ने कहा, “विस्फोटकों को निष्क्रिय करने के दौरान ही डिवाइस में धमाका हुआ।”
The unexploded bomb in #GreatYarmouth detonated earlier during work to disarm it. Our drone captured the moment. We can confirm that no one was injured. Public safety has been at the heart of our decision making all the way through this operation, which we know has been lengthy. pic.twitter.com/9SaeYmHkrb
— Norfolk Police (@NorfolkPolice) February 10, 2023
गौरतलब है कि इस बारे में बात करते हुए उन्होंने आगे कहा, “सभी सेना और आपातकालीन सेवाकर्मी हिसाब लगा रहे हैं कि नुकसान कितना हुआ है। वहीं, स्थानीय ए एंड ई विभाग में तीन आपातकालीन सेवा कॉल सेंटरों या उपस्थित लोगों में से किसी को भी शारीरिक चोट या हताहत होने की सूचना नहीं मिली है।” नॉरफॉक कांस्टेबुलरी के सहायक मुख्य कॉन्स्टेबल निक डेविसन ने कहा, “डिवाइस को निष्क्रिय करने के लिए काम शुरू होने के कुछ ही समय बाद डिवाइस में विस्फोट हो गया।” उन्होंने कहा, “उपकरण को निष्क्रिय करने के लिए यह तरीका सबसे सुरक्षित विकल्प था। हालांकि, इसमें हमेशा अनपेक्षित विस्फोट का जोखिम होता है। शुक्र है, किसी के हताहत होने की खबर नहीं है।”