नई दिल्ली। मंत्रों के जाप को हिन्दू धर्म में काफी मान्यता दी गई। कहा जाता है कि मंत्रों के जाप करने से मनुष्य के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मन के दुख, द्वेष, पाप, भय, शोक जैसे नकारात्मक चीजों का अंत हो जाता है। ऐसे में मंत्रों में सबसे शक्तिशाली गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra) को कहा गया है। इसलिए मनुष्य को रोज गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
क्यों है गायत्री मंत्र सबसे शक्तिशाली
गायत्री मंत्र में वो शक्ति है जो आपकी जिंदगी से जुड़ी हर समस्या को हल कर सकता है। खासतौर से बच्चों के लिए इसका नियमित जाप बहुत लाभकारी होता है। विद्यार्थियों के लिए तो ये महामंत्र है जिससे वो अपनी एकाग्रता को बेहतर कर सकते हैं। इतना ही नहीं इस मंत्र के जाप से भौतिक और आध्यात्मिक दोनों तरह की उपलब्धियां प्राप्त होती हैं। शिक्षा, एकाग्रता और ज्ञान के लिए गायत्री मंत्र सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
गायत्री मंत्र और उसका अर्थ
सबसे पहले आप गायत्री मंत्र और उसका अर्थ यहां जान ले। ‘ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।’
सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, वह परमात्मा का तेज हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे।
समय
अब आपके लिए ये जानना जरूरी है कि गायत्री मंत्र का जाप कितनी बार करे। दिन में तीन बार इस मंत्र का जाप किया जा सकता है। पहला समय है सूर्योदय से ठीक पहले, जिसे सूर्योदय के बाद तक करना चाहिए। दूसरा समय है दोपहर का और तीसरा समय है सूर्यास्त से ठीक पहले और सूर्यास्त के बाद तक करना चाहिए।