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Chaturmas 2021: चातुर्मास में इन नियमों का पालन करने से प्रसन्न होंगे भगवान, होगा अद्भुत लाभ

Chaturmas 2021: विष्णु देवशयनी एकादशी से भोले भंडारी को सृष्टि का संचालक बनाकर चार महीनों के लिए शयन काल में चले जाते हैं। इस दौरान भगवान शिव ही सृष्टि का संचालक बने रहते हैं जिसके बाद जब विष्णु देवउठनी एकादशी पर उठते हैं और सृष्टि का संचालक अपने हाथों में ले लेते हैं।

देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ हो चुकी है जो की कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी अर्थात देवउठनी एकादशी तक रहेगी। भगवान विष्णु देवशयनी एकादशी से भोले भंडारी को सृष्टि का संचालक बनाकर चार महीनों के लिए शयन काल में चले जाते हैं। इस दौरान भगवान शिव ही सृष्टि का संचालक बने रहते हैं जिसके बाद जब विष्णु देवउठनी एकादशी पर उठते हैं और सृष्टि का संचालक अपने हाथों में ले लेते हैं। चातुर्मास में कुछ नियम होते हैं जिनका अगर आप पालन कर लें तो ये आपके लिए काफी फायदेमंद रहता है। तो चलिए आपको बताते हैं ऐसे 10 नियमों के बारे में जिसे अगर आपने अपना लिया तो आपको 10 फायदे होंगे…

Chaturmas

चातुर्मास में अपनाएं ये 10 नियम
व्रत करें
चातुर्मास के इन चार महीनों के दौरान व्रत का पालन जरूर करना चाहिए।
जमीन पर सोएं
चातुर्मास के इन चार महीनों में फर्श या भूमि पर ही सोना फायदेमंद होता है।
सूर्योदय से पहले उठें
चातुर्मास के इन चार महीनों में सूर्य के उदय होने से पहले ही उठना चाहिए।
अच्छे से स्नान करें
इन महीने में आपको अच्छे से हर रोज स्नान करना चाहिए।
मौन रहें
इन चार महीनों में ज्यादातर समय आपको मौन ही रहना चाहिए।
एकाशना
चातुर्मास के महीनों में आपको दिन में केवल एक बार ही खाना चाहिए। रात्रि में फलाहार किया जा सकता है।
ब्रह्मचर्य का पालन
इस चार महीनों के दौरान आपको ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
ध्यान योग या संत्संग
आपको हर दिन सुबह और शाम 20-20 मिनट का ध्यान करना चाहिए साथ ही सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
विष्णु और शिव की उपासना
हर सुबह-शाम विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए या फिर ॐ नमोः नारायणाय, ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र की रोज एक माला सुबह और शाम को जप करें। ऐसे ही भगवान शिव की उपासना करें। पितरों को तर्पण भी करें।

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दान करें
चातुर्मास के इन चार महीनों में आपको 5 तरह का दान करना चाहिए जिसमें अन्नदान जो की किसी गरीब को, पशु या पक्षी को भोजन कराएं, दूसरा दीपदान जिसमें नदी के पानी में दीप छोड़े या मंदिर में दीप जलाएं, तीसरा वस्त्रदान जो किसी गरीब को करें, चौथा छायादान जिसमें एक कटोरी में सरसों के तेल लें अपना चेहरा देखकर उसे शनिमंदिर में दान कर दें, पांचवा श्रमदान जिसमें किसी मंदिर या आश्रम में जाकर आप वहां सेवा करके श्रमदान कर सकते हैं।
चातुर्मास नियमों को करने से फायदे
इससे आपकी सेहत में सुधार आएगा। धन-ऐश्वनर्य में वृद्धि होगी।
मानसिक संताप खत्म हो जाता है।
आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
इससे आपके सभी पापों का नाश हो जाता है।
सभी मानसिक विकार खत्म होते हैं साथ ही मानसिक दृढ़ता प्राप्त होती है।


पितरों का आशीर्वाद आपपर बना रहता है।
भगवान विष्णु और शिवजी की कृपा आपको मिलती है।
सुख-समृद्धि में बढ़ोती होती है।
भाई-बंधुओं का सुख शांती बनी रहती है।
त्याग, समर्पण आत्म विश्वाओस, और संयम की भावना बढ़ती है।