नई दिल्ली। आज देवउठनी एकादशी (Devuthani Ekadashi) मनाई जा रही है। कार्तिक मास (Kartik month) के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इसे देव प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है।
कहा जाता है कि आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु चार महीने के लिए निंद्रासन पर चले जाते हैं, और चार महीने बाद देवउठनी एकादशी पर निंद्रासन से बाहर आते हैं। इसलिए इसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है।
देवउठनी एकादशी तिथि
देवउत्थान एकादशी रविवार, नवम्बर 14, 2021 को
15 नवम्बर को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 01:10 पी एम से 03:19 पी एम
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 01:00 पी एम
एकादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 14, 2021 को 05:48 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 15, 2021 को 06:39 ए एम बजे
देवउठनी एकादशी महत्व
बता दें कि देवउठनी एकादशी के व्रत को सभी व्रतों में शुभ और सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। एकादशी व्रत का वर्णन महाभारत की कथा में भी मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी व्रत के महत्व के बारे में बताया था। जिसके बाद युधिष्ठिर ने विधि पूर्वक एकादशी व्रत को पूरा किया था। एकादशी के व्रत करने से न सिर्फ पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि सभी मनोकामनाएं भी को पूरी होती हैं।