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Sawan 2022 Puja Vidhi: सावन में शिवलिंग पर गलती से भी न चढ़ाएं ये 5 चीजें, वरना नहीं मिलेगा शिव का आर्शिवाद

Sawan 2022 Puja Vidhi: जैसा कि नाम से ही साफ समझा जा सकता है कि भगवान शिव भोले भंडारी है ऐसे में इन्हें प्रसन्न करना भी आसान है लेकिन इनकी पूजा में थोड़ी सी भी गलती महादेव को नाराज कर देती है। ऐसे में आपके लिए ये जानना जरूरी हो जाता है कि सावन में शिवलिंग की पूजा के दौरान आपको किन बातों का ख्याल रखने की जरूरत है।

नई दिल्ली। सावन का पावन महीना कल यानी 14 जुलाई से शुरू होने जा रहा है जो कि 12 अगस्त तक रहेगा। महीना भगवान शिव को समर्पित है। कहते हैं सावन के महीने में शिवजी की पूजा का फल बाकी दिनों की तुलना में ज्यादा मिलता है। यही कारण इस महीने में शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। जैसा कि नाम से ही साफ समझा जा सकता है कि भगवान शिव भोले भंडारी है ऐसे में इन्हें प्रसन्न करना भी आसान है लेकिन इनकी पूजा में थोड़ी सी भी गलती महादेव को नाराज कर देती है। ऐसे में आपके लिए ये जानना जरूरी हो जाता है कि सावन में शिवलिंग की पूजा के दौरान आपको किन बातों का ख्याल रखने की जरूरत है।

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शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये 5 चीजें

केतकी- शिवलिंग पर आपको कभी भी केतकी के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए। इससे भगवान शिव नाराज हो जाते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, केतकी के फूल ने ब्रह्मा जी के झूठ में सहयोग दिया था ऐसे में शिवजी ने श्राप देते हुए कहा था कि उनकी पूजा में कभी भी केतकी को शामिल नहीं किया जाएगा।

शंख- इस बात का भी ख्याल रखें कि शिवजी की पूजा में शंख नहीं बजाया जाता और न ही शंख से जलाभिषेक किया जाता है। पौराणिक कथा के मुताबिक, भगवान शंकर ने त्रिशुल शंखचूड़ नामक राक्षस का वध किया था जिसकी राख से ही शंख की उत्पत्ति हुई थी।

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तुलसी- सावन के महीने में कभी भी भोलेभंडारी की पूजा में तुलसीदल का पत्ता भी नहीं चढ़ाया जाता है। एक कथा के अनुसार, तुलसी के पति जालंधर का भगवान शिव ने संहार किया था। ऐसे में तुलसी ने भगवान शिव की पूजा में शामिल होने से मना कर दिया था।

कुमकुम या सिंदूर- भगवान भोलेनाथ वैरागी है ये तो सभी जानते हैं। शिवजी अपने पूरे शरीर पर राख लगाते हैं। कभी भी शिवजी पर कुमकुम और सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से शिवजी नाराज हो जाते हैं।

हल्दी- शिवजी ऐसे भगवान हैं जिन्हें छोड़कर बाकी सभी देवी-देवताओं की पूजा में हल्की का प्रयोग किया जाता है। हल्दी को सौभग्य का प्रतीक माना जाता है और शिव जी वैरागी हैं। शास्त्रों की मानें तो शिवजी पर हल्दी चढ़ाने से चंद्रमा की दशा कमजोर होने लगती है। ऐसे में शिव जी पर कभी भी हल्दी न चढ़ाएं।