नई दिल्ली। इस साल होलाष्टक 21 (Holashtak 2021) मार्च से शुरू हो गया है। जो 28 मार्च को समाप्त होगा। ये 8 दिनों तक चलता है, इसे अशुभ माना गया है। होली से पहले 8 दिनों तक चलने वाले होलाष्टक को हिंदू धर्म में अशुभ माना गया है। इसकी शुरुआत फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होती है। ये दो शब्दों से बना है- होली और अष्टक, यहां पर होलाष्टक का अर्थ है होली से पहले के आठ दिन।
होलाष्टक में शुभ कार्य करने की मनाही होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन दिनों वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बहुत अधिक रहता है। साथ ही अष्टमी से लेकर पूर्णिमा तक अलग-अलग ग्रहों का प्रभाव काफी ज्यादा रहता है। इसी वजह से इन दिनों शुभ कार्य न करने की सलाह दी जाती है।
होलाष्टक में भूलकर भी ना करें ये 5 काम
शादी
हिंदू धर्म में शादी को काफी शुभ माना गया है। यही कारण है कि हिंदू धर्म मे होलाष्टक में विवाह की मनाही है। इन दिनों में विवाह का कार्यक्रम नहीं किया जाना चाहिए।
नामकरण संस्कार
हमारा नाम ही हमारे पूरे जीवन के लिए पहचान बनता है। इसलिए बच्चे के नामकरण संस्कार को भी होलाष्टक में नहीं किया जाना चाहिए।
विद्या आरंभ
बच्चों की शिक्षा की शुरुआत होलाष्टक में नहीं होनी चाहिए। हमारे जीवन में शिक्षा का काफी महत्व योगदान है। इसलिए जरूरी है कि जब आप अपने बच्चे की शिक्षा शुरू करें तो शुभ काल में शुरू करें।
संपत्ति की खरीद-बिक्री
किसी भी संपत्ति की खरीद-बिक्री होलाष्टक में नहीं की जानी चाहिए। इससे घर का माहौल अशांत रहता है।
नया व्यापार और नई नौकरी
अगर आप नया व्यापार शुरू करना चाह रहे हैं या फिर नई नौकरी ज्वाइन करना चाह रहे हैं, तो होलाष्टक में नहीं करें। इससे नकारात्मक ऊर्जा जारी होगी।