नई दिल्ली। सनातन धर्म में ज्येष्ठ मास का बहुत महत्व होता है। ज्येष्ठ माह में ही भगवान हनुमान को समर्पित पर्व बड़ा मंगल पड़ता है। इतना ही नहीं इस में पड़ने वाले सभी मंगलवार बड़े मंगल कहे जाते हैं। वहीं, ज्येष्ठ माह की संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणपति की पूजा की जाती है। इसे एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस बार ये व्रत आज यानी 19 मई, बृहस्पतिवार के दिन पड़ रहा है। कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से करियर, बिजनेस और धन संबंधी सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं, जिसे करने से सभी कष्टों का निवारण होता है।
1.अगर आप व्यापार संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं तो संकष्टी चतुर्थी की पूजा के समय गणेशजी को दूर्वा की 21 गांठें और गुड़ के 21 लड्डू अर्पित करें। साथ ही आपको ”ओम वक्रतुंडाय नम:” मंत्र का जप करें। या फिर एक लोटे जल में सफेद तिल मिलाकर उस लोटे को गणेशजी के समक्ष रख दें। फिर रात के समय उसी लोटे से चंद्र देव को अर्घ्य दें। इन दोनों उपायों में से कोई भी उपाय करने से आपके सभी रुके हुए कार्य पूरे होंगे।
2.अगर आपके घर में फिजूल खर्ची बहुत होती है तो इस दिन गणेशजी की पूजा के दौरान उन्हें सवा किलो गुड़ और सवा सौ ग्राम घी अर्पित करें। पूजा के बाद ये भोग किसी लाल गाय को खिला दें। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि धन और वैभव की प्राप्ति होती है।
3.जॉब और करियर से संबंधित समस्याओं के निवारण के लिए संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को ”गं गणपतये नमः”मंत्र का जप करते हुए कम से कम 11 बार गेंदे का पुष्प अर्पित करें। इस उपाय से करियर में सफलता प्राप्त होती है।
4.अगर आपके घर के सदस्य बार-बार बीमार हो रहे हैं, तो संकष्टी चतुर्थी के दिन एक पान के पत्ते पर रोली से स्वास्तिक का चिह्न बनाएं और फिर उसे गणेशजी की पूजा में रख दें। साथ ही गणेशजी के मंत्र ”ऊँ गं गणपतये नमः” का 108 बार जप भी करें। इस उपाय को करने से बीमारी धीरे-धीरे दूर होने लगेगी।