नई दिल्ली। हिंदू धर्म में प्रत्येक महीने में कोई न कोई व्रत या त्योहार पड़ता है। आज भगवान विष्णु को समर्पित परिवर्तिनी एकादशी का व्रत है। ये त्योहार हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल परिवर्तिनी एकादशी का व्रत आज यानी 6 सितंबर 2022 को मनाया जा रहा है। इसे ‘जलझूलनी एकादशी’ और ‘पद्म एकादशी’ के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि, चतुर्मास में पाताल लोक में क्षीर निंद्रा में वास कर रहे भगवान विष्णु इस दिन करवट बदलते हैं। यही कारण है कि इस एकादशी का नाम ‘परिवर्तिनी एकादशी’ है। इस दिन पूरी श्रद्धा से भगवान विष्णु की पूजा अर्चना करने से जहां एक ओर मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है तो वहीं, दूसरी ओर परिवर्तनी एकादशी पर कुछ कार्यों को करने से घातक परिणाम भी देखने को मिलते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं वो काम…
1.परिवर्तनी एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन न करें, वरना अगले जनम में रेंगने वाले जीव का जन्म प्राप्त होगा।
2.भगवान विष्णु शांति प्रिय भगवान हैं, इसलिए इस दिन क्रोध करने से बचें।
3.परिवर्तनी एकादशी पर वाद-विवाद और झगड़ों से दूर रहें।
4.इस एकादशी पर गेंहू, उड़द, मूंग, चना, जौ, चावल और मसूर का सेवन नहीं करना चाहिए
5.परिवर्तनी एकादशी के व्रत में दूसरों की बुराई नहीं करने से बचना चाहिए।
6.किसी से झूठ नहीं बोलना चाहिए।
7.इस दिन जितना हो सके दुष्ट प्रवृत्ति के लोगों से दूर रहें।
8.एकादशी के दिन मांस-मंदिरा का सेवन कदापि न करें।
9.सुबह देर तक न सोंएं।
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