नई दिल्ली। सावन का महीना काफी पवित्र माना जाता है। ये पूरा महीना भोलेनाथ को समर्पित होता है। खासकर सावन माह में पड़ने वाले सोमवार के दिन खास माने जाते हैं क्योंकि सोमवार का दिन भोलेनाथ को ही समर्पित है। सावन के सोमवार पर की गई पूजा और व्रत से लोगों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। ऐसी मान्यता है कि सावन के सोमवार पर जो भी व्यक्ति विधि-विधान के साथ शिव शंभू की पूजा करते हैं उन्हें हर तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
सावन के पहले सोमवार पर आज सुबह से ही बाबा के भक्त जल चढ़ाने के पहुंच रहे हैं। सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का भी महत्व है। हालांकि बेलपत्र चढ़ाते समय आपको नियमों का ख्याल रखना चाहिए। चलिए अब आपको बताते हैं कौन से हैं वो नियम…
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय इन बातों का रखें ख्याल
- अगर आप भोलेनाथ पर बेलपत्र चढ़ाने जा रहे हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि ये कहीं से कहीं से भी कटा या फिर खराब न हो।
- शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने वाले लोग इस बात का भी ख्याल कि सोमवार के दिन कभी भी बेलपत्र नहीं तोड़ने चाहिए। आप एक दिन पहले ही इन्हें तोड़कर रख लें।
- बेलपत्र चढ़ाते समय इस बात का भी ख्याल रखें कि ये कम से कम तीन पत्तियों वाला जरूर हो। तीन पत्तियों से कम वाला बेलपत्र न चढ़ाएं। 5 पत्तियों वाला बेलपत्र काफी शुभ माना जाता है। अगर आपको ये मिले तो समझ जाएं कि भोलेनाथ आपसे प्रसन्न हैं।
- शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के साथ ही जलधारा भी चढ़ानी चाहिए। आपको इस दौरान ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का भी जाप करना चाहिए।
- इस बात का भी खास ख्याल रखें कि कभी भी भोलेनाथ को चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी, अमावस्या तथा संक्रांति तिथि पर बेलपत्र नहीं चढ़ाने चाहिए।
- अगर आपको चढ़ाने के लिए शिवलिंग पर आप पहले से चढ़े हुए बेलपत्र धोकर दोबारा चढ़ा सकते हैं लेकिन गंदे और खराब बेलपत्र शिवलिंग पर भूलकर भी न चढ़ाएं।
डिस्क्लेमर: ऊपर दिए गए लेख की जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। NewsroomPost इस तरह की किसी जानकारी का दावा नहीं करता है।