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पितृ पक्ष में ऐसे करें अपने पित्तरों को प्रसन्न और पाएं पितृ दोष से मुक्ति

इस वर्ष पितृ पक्ष (Pitru Paksha) 01 सितंबर 2020, मंगलवार से प्रारंभ हो रहे हैं। यह समय पित्तरों (Pitra) को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। पितृ पक्ष में अपने पित्तरों को प्रसन्न करें।

नई दिल्ली। इस वर्ष पितृ पक्ष (Pitru Paksha) 01 सितंबर 2020, मंगलवार से प्रारंभ हो रहे हैं ज्योतिषाचार्य पं. दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि यह समय पित्तरों (Pitra) को प्रसन्न करने और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उत्तम माना जाता है। इसके साथ ही यह समय पितृ दोष (Pitra Dosha) से मुक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यदि आप भी पितृ दोष से पीड़ित हैं और इससे मुक्ति चाहते हैं तो आपको पितृ पक्ष में कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए तो चलिए जानते हैं पितृ पक्ष में पितृ दोष से मुक्ति के उपाय-

पितृ पक्ष में पित्तरों का श्राद्ध और उनका तर्पण किया जाता है। जिससे वह हमेशा हम सभी पर अपनी कृपा बनाएं रखें। लेकिन क्या आप जानते हैं यह समय पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए भी विशेष माना जाता है। यदि आप भी पितृ दोष से पीड़ित हैं और इस दोष से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे सरल उपाय बताएंगे। जिसे यदि आप पितृ पक्ष में करते हैं तो आप इस दोष से हमेशा के लिए मुक्त हो जाएंगे।

पितृ दोष के उपाय

1- पितृ पक्ष में रोज पित्तरों के निमित जल, जौं और काले तिल और पुष्प के साथ पित्तरों का तर्पण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और पितृ दोष दूर होता है।

2- श्राद्ध पक्ष में अपने पित्तरों की मृत्यु तिथि पर किसी ब्राह्मण को अपने पूर्वजों की पसंद का भोजन अवश्य कराएं। ऐसा करने से भी पित्तरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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3- पितृ पक्ष में अपने पित्तरों के नाम से श्रीमद भागवत कथा, भागवत गीता, गरूड़ पुराण, नारायण बली, त्रिपिंडी श्राद्ध, महामृत्युंजय मंत्र का जाप ओर पितर दोष की शांति कराने से भी पित्तरों को शांति प्राप्त होती है.!

4- श्राद्ध पक्ष में गया जी जाकर अपने पित्तरों का श्राद्ध अवश्य करें। ऐसा करने से भी आपके पितृ शांत होते हैं और आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

5- यदि आपको अपने पित्तरों की मृत्यु तिथि नहीं पता है तो आप सर्व पितृ अमावस्या पर उनका श्राद्ध कर सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।

5- आपको सर्व पितृ अमावस्या और हर अमावस्या पर किसी पवित्र नदी में स्नान अवश्य करना चाहिए और योग्य ब्राह्मण से अपने पित्तरों का श्राद्ध कराना चाहिए और 13 ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें अपने सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा देनी चाहिए।

6- पितृ पक्ष में आपको कौवों को भोजन अवश्य कराना चाहिए। क्योंकि माना जाता है कि इस समय में हमारे पितृ कौवों का रूप धारण करके धरती पर उपस्थित रहते हैं।

7- आपको पितृ पक्ष में गाय की सेवा अवश्य करनी चाहिए। आपको गाय को भोजन करना चाहिए और किसी गऊशाला में भी दान अवश्य देना चाहिए। ओर पितर पक्ष में पंचबलि चींटी, कुत्ता, गाय, देवादि ओर कौआ यह अबश्य देनी चाहिए।