नई दिल्ली। रुद्राक्ष को भगवान शिव के अंश के रूप में माना जाता है क्योंकि कहा जाता है कि तप के दौरान भगवान भोले शंकर जब क्षुब्द यानी भावुक हो गए तो उनके नेत्रों से कुछ बूंदें धरती पर गिरी जिनसे ही रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई। भगवान शिव से जुड़ा होने के कारण इसे धारण करते वक्त कई बातों का भी ख्याल रखा जाता है। जैसे की इसे इस धागे या फिर चैन में पीरोकर पहना जाए साथ ही इसे किस दिन पहनना शुभ होता है। तो चलिए बताते हैं आपको इस सभी सवालों के सही जवाब
कब, कैसे और कहां पहने रुद्राक्ष
- रुद्राक्ष को कलाई, गले और हृदय पर धारण किया जा सकता है
- रुद्राक्ष को लेकर ये बात कही जाती है कि इसे गर्दन में लाल धागे में पिरोकर पहना जाना चाहिए।
- धागे के अलावा इसे आप सोने और चांदी की चैन में भी धारण कर सकते हैं। रुद्राक्ष को इसे रविवार के दिन धारण करना चाहिए।
- रुद्राक्ष को गले में पहनना सबसे सर्वोत्तम होता है।
- कलाई में रुद्राक्ष को 12, गले में 36 और ह्रदय पर 108 दानों को धारण किया जाना चाहिए।
- आप चाहें तो एक दाना रुद्राक्ष हृदय तक लाल धागे में धारण कर सकते हैं।
- वैसे तो रविवार को स्नान करने के बाद रुद्राक्ष को गंगाजल से पवित्र करके पहनना चाहिए लेकिन सावन में, सोमवार को और शिवरात्री के दिन रुद्राक्ष धारण करना सबसे बेहतर माना जाता है।
- इस बात का ख्याल रखें कि इसे धारण करने से पहले आपको इसे भगवान शिव को समर्पित करना चाहिए।
- रुद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को सात्विक रहना चाहिए
- आचरण शुद्ध न रखने पर व्यक्ति को रुद्राक्ष का लाभ नहीं देता।
- मांस, मंदिरा का सेवन करने वालें व्यक्तियों को भी रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए