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रुद्राक्ष धारण करने से पहले जान लें ये आवश्यक नियम, वरना नकारात्मक होंगे परिणाम

Rudraksha Wearing Rules: रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक का होता है, जिनके अपने अलग-अलग महत्व हैं। ऐसा माना जाता है कि नियम और विधि के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में आने वाले हर संकट से छुटकारा पा लेता है और उसकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी ठीक हो जाती है।

नई दिल्ली। शास्त्रों के अनुसार रुद्राक्ष का काफ़ी महत्व है। मान्यता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है। इसी कारण जो व्यक्ति रुद्राक्ष धारण करता है उसपर भगवान भोले शंकर की विशेष कृपा बनी रहती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के आंसुओं से हुई थी। यही वजह है कि रुद्राक्ष को चमत्कारी और अलौकिक माना जाता है। बता दें कि रुद्राक्ष एक मुखी से लेकर इक्कीस मुखी तक का होता है, जिनके अपने अलग-अलग महत्व हैं। ऐसा माना जाता है कि नियम और विधि के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में आने वाले हर संकट से छुटकारा पा लेता है और उसकी कुंडली में ग्रहों की स्थिति भी ठीक हो जाती है। तो चलिए आज हम इस आर्टिकल में आपको बताते हैं रुद्राक्ष धारण करने से पहले के बेहद ज़रूरी नियमों के बारे में।


रुद्राक्ष पहनने के नियम

  • सुबह के समय रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व रुद्राक्ष मंत्र और रुद्राक्ष मूल मंत्र का 9 बार जाप करें। याद रहे कि इसे सोने से पहले और रुद्राक्ष को हटाने के बाद भी जरूर दोहराएं।
  • रुद्राक्ष को निकालने के बाद उसे उस पवित्र स्थान पर रखें जहां आप पूजा करते हैं।
  • रुद्राक्ष को तुलसी की माला की तरह ही पवित्र माना जाता है। इसलिए इसे धारण करने के बाद मांस-मदिरा का सेवन न करें।
  • एक महत्वपूर्ण बात – रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट पर नहीं ले जाएं। इसके अलावा नवजात के जन्म के दौरान या जहां नवजात शिशु का जन्म होता है वहां भी रुद्राक्ष को ले जाने से परहेज करें।
  • मासिक धर्म के दौरान महिलाएं रुद्राक्ष धारण न करें।

  • रुद्राक्ष को बिना स्नान किए नहीं छुएं। स्नान करने के बाद शुद्ध करके ही इसे धारण करें।
  • रुद्राक्ष धारण करते समय भगवान शिव का स्मरण करें। इसके साथ ही शिव मंत्र ‘ऊँ नम: शिवाय’ का जाप करते रहें।
  • रुद्राक्ष को हमेशा लाल या फिर पीले रंग के धागे में ही पहनें। कभी भी इसे काले रंग के धागे में नहीं पहने इससे अशुभ प्रभाव पड़ता है।
  • दूसरे की दी गई रुद्राक्ष को बिल्कुल धारण न करें। और न ही अपना धारण किया रुद्राक्ष किसी को दें।
  • रुद्राक्ष की माला को हमेशा विषम संख्या में पहनें। लेकिन याद रहे ये 27 मनकों से कम नहीं होने चाहिए।

बता दें कि ये सभी नियम हम एक्सपर्ट्स की राय के अनुसार बताते हैं, इनकी सत्यता की पुष्टि न्यूजरूमपोस्ट नहीं करता है।