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Weekly Vrat-Tyohar: बेहद खास है योगिनी एकादशी से आषाढ़ अमावस्या तक के पांच दिन, जानिए हर त्यौहार का महत्व

Weekly Vrat-Tyohar: यह सप्ताह सभी श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस हफ्ते न सिर्फ व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं बल्कि ग्रहों का भी संयोग बन रहा है। बता दें कि योगिनी एकादशी से अगले दिन प्रदोष व्रत है, इस दिन आशुतोष शिव की पूजा की जाती है। इसी सप्ताह के मासिक शिवरात्रि पर्व है।

नई दिल्ली। भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए हर महीने एकादशी का व्रत रखा जाता है। महीने में दो बार एकादशी का व्रत होता है। भगवान विष्णु से मनवांछित फल पाने की इच्छा रखने वाले लोग पूरी श्रृद्धा के साथ इस व्रत को करते हैं। लेकिन क्या आप जाने हैं कि इस साल योगिनी एकादशी से लेकर आषाढ़ अमावस्या तक हर दिन का अपना खास महत्व है। यह सप्ताह सभी श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्वपूर्ण रहने वाला है। इस हफ्ते न सिर्फ व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं बल्कि ग्रहों का भी संयोग बन रहा है। बता दें कि योगिनी एकादशी से अगले दिन प्रदोष व्रत है, इस दिन आशुतोष शिव की पूजा की जाती है। इसी सप्ताह के मासिक शिवरात्रि पर्व है।

पुराणों के अनुसार एकादशी का व्रत पाक्षिक व्रतों का राजा माना जाता है। इस दिन ता अपने आप में खास महत्व होता है। कहा जाता है कि जो भी जातक एकादशी का व्रत करता है उसे मुक्ती की प्राप्ती होना निश्चित है। योगिनी एकादशी का व्रत करने वाला व्यक्ति व्रत करने के बाद में योगिनी व्यक्ति के अनुकूल हो जाती है और अनुकूल योगिनी होने के कारण व्यक्ति के जीवन में पुरुषार्थ चतुष्टय की प्राप्ति भी होती है।

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इसी सप्ताह है प्रदोष व्रत

इसी सप्ताह बुधवार को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। प्रदोष व्रत रखने वाला व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य के साथ-साथ सुख समृद्धि वैभव की भी प्राप्ति होती है। जिस तरह एकादशी तिथि भगवान विष्णु को प्रिय है, उसी तरह प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित किया जाता है। इस व्रत को शास्त्रों में बहुत कल्याणकारी बताया गया है।

चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि

हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुदर्शी को शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस तरह हर साल 12 शिवरात्रि आती हैं। इस सप्ताह गुरुवार को मास शिवरात्रि का व्रत किया जाएगा। आशुतोष शिव की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करके महादेव को खुश करके जीवन में हर प्रकार की सुख-समृद्धि की प्राप्ति भी की जाती है।

शुक्रवार को आषाढ़ अमावस्या

इस सप्ताह शुक्रवार को आषाढ़ कृष्ण पक्ष अमावस्या तिथि है। अमावस्या तिथि में पितृदोष की निवृत्ति के लिए अथवा कालसर्प दोष की निवृत्ति के लिए वैदिक विधि से श्राद्ध आदि कर्म करके कष्ट और दोष को समाप्त किया जाता है। अपने पितरों को भी मुक्ति देने का यह बहुत प्रशस्त समय माना जाता है। इस दिन पितरों के निमित्त श्राद्ध करने और भोज्य वस्तु दान करने से पितृलोक संतुष्ट होते हैं और अपने वंश की वृद्धि के लिए भगवान से प्रार्थना भी करते हैं।