नई दिल्ली। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी (Mohini Ekadashi) का व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है। इस वर्ष मोहिनी एकादशी 23 मई दिन रविवार को पड़ रही है। मोहिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को दुख औ कष्ट से मुक्ति मिलती है।
मोहिनी एकादशी का जो भी व्रत रखता है, वो बुद्धिमान और लोकप्रिय होता है। मोहिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा की जाती है।
मोहिनी एकादशी मुहूर्त
22 मई दिन शनिवार को मोहिनी एकादशी सुबह 09 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन 23 मई को प्रात: 06 बजकर 42 मिनट पर होगा। एकादशी की उदया तिथि 23 मई को प्राप्त हो रही है, ऐसे में मोहिनी एकादशी का व्रत 23 मई को रखा जाएगा। इस दिन ही फलाहार करते हुए व्रत रहना है और भगवान विष्णु की पूजा करनी है।
मोहिनी एकादशी महत्व
पौराणिक मान्यताओं के अनसुार, वैशाख शुक्ल एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार धारण किया था। समुद्र मंथन से निकले अमृत कलश को जब राक्षस लेकर भागने लगे, तब मोहिनी रुप धारण कर श्रीहरि ने उस अमृत कलश की राक्षसों से रक्षा की थी। ऐसी भी मान्यता है कि सीता जी के वियोग में दुखी भगवान राम ने भी मोहिनी एकादशी का व्रत रखा था, जिसके प्रभाव से उनको उस दुख से मुक्ति मिली। ऐसे ही द्वापर युग में युधिष्ठिर ने भी अपने कष्टों से मुक्ति के लिए मोहिनी एकादशी का व्रत रखा था।