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Raksha Bandhan 2022: भाई-बहन नहीं पति-पत्नी से हुई थी रक्षाबंधन की शुरूआत, जानें इस पर्व का दिलचस्प इतिहास

Raksha Bandhan 2022: क्या आप जानते हैं इस त्योहार की शुरूआत कब और कैसे हुई। रक्षाबंधन का इतिहास जानने के बाद आपको काफी हैरानी हो सकती है। तो अगर आप इसकी शुरूआत और कहानी नहीं जानते हैं तो आइये आज हम आपको इसके इतिहास के बारे में बताते हैं…  

नई दिल्ली। भाई-बहन के प्रेम को प्रदर्शित करता रक्षाबंधन का त्योहार इसी सप्ताह आने वाला है। बाजार राखियों गिफ्ट्स और मिठाइयों से सज गए हैं। भाई-बहन इस त्योहार की काफी उत्सुकता से प्रतीक्षा कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं इस त्योहार की शुरूआत कब और कैसे हुई? रक्षाबंधन का इतिहास जानने के बाद आपको काफी हैरानी हो सकती है। तो अगर आप इसकी शुरूआत और कहानी नहीं जानते हैं तो आइये आज हम आपको इसके इतिहास के बारे में बताते हैं…

आपको जानकर आश्चर्य होगा कि रक्षाबंधन की शुरुआत भाई-बहन से नहीं बल्कि पति-पत्नी से हुई थी। कहा जाता है कि पहली बार एक पत्नी ने अपने पति की कलाई पर रक्षासूत्र बांधा था। इसके बाद से इस त्योहार को धूम-धाम से मनाने की परंपरा शुरू हो गई। हिंदू धर्म के 18 प्रमुख पुराणों में से एक भविष्य पुराण में वर्णित एक कहानी के अनुसार, एक बार राक्षसों और देवताओं में युद्ध छिड़ गया, जिसमें देवता पराजित होते नजर आने लगे और देवराज इंद्र के प्राणों पर संकट मंडराने लगा। पति की रक्षा करने के उद्देश्य से इंद्र की पत्नी शचि ने घोर तप किया। इस तप के फलस्वरूप उन्हें एक रक्षासूत्र की प्राप्ति हुई, जिसे उन्होंने पति की कलाई पर बांध दिया।

इस रक्षासूत्र की कृपा से देवता राक्षसों पर विजय प्राप्त करने सफल हो गए। इंद्राणी ने इंद्र को जिस दिन ये रक्षासूत्र बांधा था उस दिन श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि थी। रक्षाबंधन की इस कहानी से स्पष्ट होता है कि ये त्योहार सिर्फ भाई-बहन से नहीं जुड़ा है बल्कि, रक्षा से जुड़ा है। जिस व्यक्ति को हम अपना रक्षक मानते हैं उसे रक्षासूत्र बांधा जाता है।

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroompost इसकी पुष्टि नहीं करता है।