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Chaitra Navratri 2021 : 9 दिनों में मां दुर्गा के इन रूपों की होगी पूजा

Chaitra Navratri 2021 : इस साल चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2021) 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और 22 अप्रैल को इनका समापन हो रहा है। हिंदू धर्म में इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा (Goddess Durga) के नौ रूपों की उपासना की जाती है।

नई दिल्ली। इस साल चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri 2021) 13 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और 22 अप्रैल को इनका समापन हो रहा है। हिंदू धर्म में इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाला ये त्यौहार मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस दौरान मां दुर्गा (Goddess Durga) के नौ रूपों की उपासना की जाती है। साथ ही व्रत भी किए जाते हैं।

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9 दिनों में मां दुर्गा के इन रूपों की होगी पूजा

1. शैलपुत्री

मां दुर्गा का पहला रूप है शैलपुत्री। शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की बेटी हैं। इन्हें करुणा और ममता की देवी माना जाता है। मान्‍यता है कि जो भी भक्‍त श्रद्धा भाव से मां की पूजा करता है उसे सुख और सिद्धि की प्राप्‍ति होती है।

2. ब्रह्मचारिणी

मां दुर्गा का दूसरा रूप है ब्रह्मचारिणी। मान्यता है कि इनकी पूजा करने से यश, सिद्धि और सर्वत्र विजय की प्राप्ति होती है। इन्होंने भगवान शंकर को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। इसलिए इन्हें तपश्चारिणी के नाम से भी जाना जाता है।

3. चंद्रघंटा

मां दुर्गा का तीसरा रूप है चंद्रघंटा। मान्यता है कि शेर पर सवार मां चंद्रघंटा की पूजा करने से भक्तों के कष्ट हमेशा के लिए खत्म हो जाते हैं। इन्हें पूजने से मन को शक्ति और वीरता मिलती है।

4. कूष्माण्डा

मां दुर्गा का चौथा रूप है कूष्माण्डा। मान्यता है कि मां कूष्माण्डा की उपासना से भक्तों के समस्त रोग-शोक मिट जाते हैं। इनकी पूजा से आयु, यश, बल और आरोग्य की वृद्धि होती है।

5. स्कंदमाता

मां दुर्गा का पांचवा रूप है स्कंदमाता। मान्यता है कि यह भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के रूप में भी पूजा जाता है।

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6. कात्यायनी

मां दुर्गा का छठा रूप है कात्यायनी। इन्हें गौरी, उमा, हेमावती और इस्वरी नाम से भी जाना जाता है. मान्यता है कि यह महर्षि कात्यायन को पुत्री के रूप में मिलीं इसीलिए इनका नाम कात्यायनी पड़ा। माना यह भी जाता है कि जिन लड़कियों की शादी में देरी हो रही होती है, वह मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए कात्यायिनी माता की ही पूजा करती हैं।

7. कालरात्रि

मां दुर्गा का सातवां रूप है कालरात्रि। मान्यता है कि मां कालरात्रि की पूजा करने से काल और असुरों का नाश होता है।इसी वजह से मां के इस रूप को कालरात्रि कहा जाता है। यह माता हमेशा शुभ फल ही देती हैं इसीलिए इन्हें शुभंकारी भी कहा जाता है।

8. महागौरी

मां दुर्गा का आठवां रूप है महागौरी। यह भगवान शिवजी की अर्धांगिनी या पत्नी हैं। इस दिन मां को चुनरी भेट करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भक्तों के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

9. सिद्धिदात्री

नवरात्रि क दौरान मां दुर्गा का नौवां रूप होता है सिद्धिदात्री। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से रूके हुए हर काम पूरे होते हैं और हर काम में सिद्धि मिलती है।