नई दिल्ली। सनातन धर्म में हर महीने कई व्रत और त्योहार पड़ते हैं, जिनका अपना महत्व और मान्यता होती है। उन्हीं में से प्रत्येक माह की त्रयोदिशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। आषाढ़ मास का प्रदोष व्रत रविवार के दिन यानी 26 जून को पड़ रहा है इसलिए इसे रवि प्रदोष व्रत कहा जा रहा है। भगवान शिव को समर्पित इस व्रत को पूरे श्रद्धा भाव से करने से जातक की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। प्रदोष काल का शुभारंभ शाम 7:23 मिनट से होगा, जो 9:23 मिनट तक बना रहेगा। इस शुभ अवसर पर कुछ खास उपाय करके आप अपने सभी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं, तो कौन से हैं वो उपाय आइये जानते हैं…
1. रवि प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव पर बेलपत्र चढ़ाने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
2.इस दिन प्रदोष काल में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार से रोगों से छुटकारा मिलती है। साथ ही सभी समस्याएं भी दूर होती हैं।
3.प्रदोष काल में शिवलिंग पर चावल वाले पानी से अभिषेक करने पर जमीन जायदाद से जुड़े विवाद हल होते हैं।
4.रवि प्रदोश के दिन भगवान शिव को जौ के आटे की रोटी अर्पित करने के बाद उसे गाय या बछड़े को खिलाने से परिवार में प्रेम-संबंध मजबूत होते हैं।
5.प्रदोष व्रत के दिन गाय के दूध में केसर और फूल डालकर भगवान शिव का अभिषेक करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।
6.रुद्राक्ष या चंदन की माला का उपयोग करते हुए ओम नम: शिवाय का जप करने से किसी भी प्रकार के भय आदि से छुटकारा मिलता है।