नई दिल्ली। साल के हर महीने में दो एकादशी पड़ती हैं यानी साल में कुल 24 एकादशी आती हैं। सभी एकादशी का अलग-अलग महत्व होता है। सावन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी ‘पुत्रदा एकादशी’ कहलाती है। इस बार भगवान विष्णु को समर्पित ये एकादशी व्रत 8 अगस्त 2022, सोमवार को रखा जाएगा। लोग इसे ‘पवित्रा एकादशी’ के नाम से भी जानते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने से संतान सुख प्राप्त होता है। यही कारण है कि इसे पुत्रदा एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से संतान प्राप्ति के साथ-साथ संतान संबंधी परेशानियों का भी निवारण हो जाता है। तो पवित्रा एकादशी का शुभ मुहूर्त कब से कब तक है और इसकी पूजा विधि क्या है आइए जानते हैं…
शुभ-मुहूर्त-
सावन शुक्ल पक्ष एकादशी तिथि का आरंभ 7 अगस्त 2022 की रात 11.50 मिनट से होगा, जो 8 अगस्त 2022 की रात 9:00 बजे तक बना रहेगा। इस व्रत के पारण की बात करें, तो इसका शुभ मुहूर्त 9 अगस्त 2022 की सुबह 06.01 से 8:26 तक किया जाएगा।
पूजा विधि-
1.इस दिन सुबह स्नानादि करने के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
2.इसके बाद पूजा स्थान को स्वच्छ करके वहां एक चौकी रखें और उस पर पीला कपड़ा बिछाएं।
3.अब चौकी पर भगवान विष्णु की तस्वीर स्थापित करें।
4.एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख से दूध में केसर मिलाकर भगवान विष्णु का अभिषेक करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
5.इसके बाद उन्हें पीले फल, पीले पुष्प, पंचामृत, तुलसीदल, पीली मिठाई, सुपारी, लौंग, चंदन आदि अर्पित करें।
6.श्रीहरि के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करें।
7.इसके बाद धूप-दीप आदि जलाकर श्रावण पुत्रदा एकादशी की कथा का पाठ करें। साथ ही निम्नलिखित मंत्र का एक माला जाप करें।
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं,
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकान्तं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्,
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्।