नई दिल्ली। आज देशभर में सावन माहीने की विनायक चतुर्थी मनाई जा रही है। सावन के इस खास महीने में भगवान शिव और माता पार्वती के साथ ही भगवान गणेश की पूजा की भी पूजा की जाती है। वैसे तो हर महीने में दो चतुर्थी होती है जिन्हें बप्पा की तिथि माना जाता है लेकिन शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है। वहीं कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। कहते हैं जो भी भक्त इस दिन भगवान गणेश की पूजा करता है उसपर प्रभू की विशेष कृपा बनी रहती है। विनायक चतुर्थी के शुभ मुहूर्त की बात करें तो ये 11 अगस्त की शाम 04 बजकर 53 मिनट से शुरू हो गई थी जो की आज 12 अगस्त दोपहर 03 बजकर 24 मिनट पर समापत होगी।
ये है पूजन विधि
आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए जिसके बाद स्वच्छ लाल रंग के वस्त्रों को धारण करें। अब सूर्य देव को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। अब भगवान गणेश के मंदिर में जाएं या फिर घर पर ही उन्हें एक जटा वाला नारियल और मोदक का प्रसाद चढ़ाएं। यहां आपको बप्पा को गुलाब के फूल और दूर्वा भी चढ़ाना चाहिए साथ ही इस दौरान ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का 27 बार जाप करें। दोपहर को पूजा के दौरान अपने घर में अपनी सामर्थ्य के अनुसार पीतल, तांबा, मिट्टी अथवा सोने या चांदी से बने भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें। संकल्प के बाद पूजा पूरी करें। बप्पा की आरती उतारे और प्रसाद में मोदक बच्चों के बाटें।
विनायक चतुर्थी का महत्व
सभी देवी-देवताओं में भगवान गणेश को सर्वप्रथम पूजनीय माना गया है। ऐसे में इनकी पूजा का भी खास महत्वपूर्ण होती है। चाहे कोई मंत्र हो, जाप हो या फिर शुभ काम गणेश पूजा के बिना उसे अधूरा ही माना जाता है। शास्त्रों में विनायक चतुर्थी का खास महत्व है। ऐसे में जो भी इस दिन गणपति बप्पा की सच्चे मन से आराधना करता है तो उसे धन-धान्य, सुख-समृद्धि और वैभव सभी की प्राप्ति होती है। आज के दिन भक्त अगर विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करें तो उसके जीवन के सभी दुख भी समाप्त हो जाते हैं।