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रेलवे ने सामान्य से लंबी 2 मालगाड़ियों की शुरुआत की

इसके बाद एससीआर ने शुक्रवार को गुंतकल मंडल के रायचूर से सिकंदराबाद मंडल के मनुगुरु तक इसी तरह की एक और ट्रेन ‘गरुड़’ चलाई। दोनों लंबी ट्रेनों में मुख्य रूप से थर्मल पावर स्टेशनों के लिए कोयले की खदान के लिए खाली खुले वैगन शामिल है।

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने दो मालगाड़ियां ‘त्रिशूल’ और ‘गरुड़’ शुरू की हैं। ये मालगाड़ियां सामान्य संरचना से काफी लंबी हैं। ये लंबी ट्रेनें महत्वपूर्ण वर्गों में क्षमता की कमी की समस्या का बहुत प्रभावी समाधान प्रदान करेंगी। त्रिशूल दक्षिण मध्य रेलवे की पहली लंबी दौड़ वाली ट्रेन है जिसमें तीन मालगाड़ियाँ, यानी 177 वैगन शामिल हैं। इस ट्रेन को गुरुवार को विजयवाड़ा मंडल के कोंडापल्ली स्टेशन से पूर्वी तट रेलवे के खुर्दा मंडल के लिए रवाना किया गया।

इसके बाद एससीआर ने शुक्रवार को गुंतकल मंडल के रायचूर से सिकंदराबाद मंडल के मनुगुरु तक इसी तरह की एक और ट्रेन ‘गरुड़’ चलाई। दोनों लंबी ट्रेनों में मुख्य रूप से थर्मल पावर स्टेशनों के लिए कोयले की खदान के लिए खाली खुले वैगन शामिल है।

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एससीआर भारतीय रेलवे के पांच प्रमुख माल ढुलाई वाले रेलवे में से एक है। विशाखापत्तनम-विजयवाड़ा-गुडुर-रेनिगुंटा, बल्लारशाह-काजीपेट-विजयवाड़ा, काजीपेट-सिकंदराबाद-वाडी, विजयवाड़ा-गुंटूर-गुंतकल खंडों से माल थोक में सप्लाई होता है।

भीड़भाड़ वाले मार्गों पर समय की बचत, त्वरित पारगमन समय, महत्वपूर्ण वर्गों के थ्रूपुट को अधिकतम करना, कर्मचारियों की बचत ट्रेनों को चलाने के प्रमुख परिचालन लाभ हैं, जो भारतीय रेलवे को अपने मालवाहक ग्राहकों को बेहतर सेवा देने में मदद करते हैं।