नई दिल्ली। हिंडनबर्ग रिसर्च नामक अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म की जनवरी माह की रिपोर्ट के बाद भी भारतीय अडानी समूह को नुकसान भरपाई करने में कठिनाईयाँ आ रही हैं। समूह की कंपनियों के बाजार पूंजीकरण (अडानी एमकैप) और चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ (गौतम अडानी के पूंजीकरण) में हुई गिरावट को अब तक उबारने में कामयाब नहीं हो सका है। इसके साथ ही, अडानी समूह के कई सौदे एक के बाद एक अटकते जा रहे हैं।
400 करोड़ रुपये का सौदा ठप इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, अटके सौदों की सूची लगातार बढ़ती जा रही है और अब इसमें एअरक्राफ्ट मेंटनेंस कंपनी एअर वर्क्स के साथ होने वाले प्रस्तावित सौदे का भी नाम जुड़ गया है। अडानी समूह ने एअर वर्क्स को लगभग 400 करोड़ रुपये (लगभग 53 मिलियन डॉलर) में खरीदने की योजना बनाई थी। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीतें भी हुई थीं। लेकिन अब यह सौदा ठप हो चुका है।
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में अडानी समूह के कुछ कंपनियों के खिलाफ आरोप उठाए गए थे। इसके चलते अडानी समूह के शेयर मूल्यों में गिरावट देखी गई थी और चेयरमैन गौतम अडानी की नेटवर्थ भी कम हो गई थी। यह नुकसान समूह को अब तक पूरी तरह से भरपाई नहीं की जा सकी है। एअर वर्क्स के साथ होने वाले सौदे का अटकना एक बड़ा संकेत है। इससे साफ दिखता है कि अडानी समूह के सौदों में अवरोध आ रहा है और उन्हें नये व्यापारिक उद्यमों में निवेश करने में मुश्किलें आ रही हैं। इसके अलावा अडानी समूह को विभिन्न क्षेत्रों में हुए सौदों में भी असफलता का सामना करना पड़ रहा है।