newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Cryptocurrency: दुनिया में सिर्फ लिमिट में ही बनाए जा सकते हैं बिटकॉइन, जानिए क्या है वजह

Cryptocurrency: 2010 में कभी 10,000 बिटकॉइन्स में सिर्फ 2 पिज़्जा ही खरीदे गए थे और आज बिटकॉइन का मार्केट कैप क्रिप्टो बाजार में सबसे ज्यादा आंका जाता है। अब बिटकॉइन का बाजार पूंजीकरण 66 ट्रिलियन से भी ज्यादा माना जाता है।

नई दिल्ली। साल 2009 में अस्तित्व में क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन ने काफी लंबा सफर तय कर लिया है। 2010 में कभी 10,000 बिटकॉइन्स में सिर्फ 2 पिज़्जा ही खरीदे गए थे और आज बिटकॉइन का मार्केट कैप क्रिप्टो बाजार में सबसे ज्यादा आंका जाता है। अब बिटकॉइन का बाजार पूंजीकरण 66 ट्रिलियन से भी ज्यादा माना जाता है।जिसकी कीमत आज 47,000 डॉलर यानी 37.30 लाख के ऊपर मानी जा रही है। इसे देखते हुए यह कहा जा सकता  है कि बिटकॉइन का अब कायापलट हो गया है। लेकिन बिटकॉइन माइनिंग की हार्ड लिमिट में अभी तक किसी तरह का कोई बदलाव नहीं देखा जा रहा है। बिटकॉइन के निर्माता कहे जाने वाले सातोषी नाकामोतो ने बिटकॉइन बनाने के साथ ही सोर्स कोड में इसकीमाइनिंग की अपर लिमिट 21 मिलियन तक लगा दी थी। जिसका सीधा मतलब है कि 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन माइन नहीं किए जा सकते या इन्हे सर्कुलेशन में नहीं लाया जा सकता। नाकामोतो ने इसपर कुछ साफ नहीं किया कि लिमिट 21 मिलियन पर क्यों रखी गई, लेकिन बहुत से लोग इसे बिटकॉइन के फायदे वाली बात मान रहे हैं।

bitcoin_down_

अब तक कितने बिटकॉइन माइन हुए

बता दें कि अभी तक 18.78 मिलियन बिटकॉइन माइन किए जा चुके हैं। जिसका मतलब है कि दुनिया में कभी भी जितने भी बिटकॉइन रहेंगे उसका लगभग 83 फीसदी हिस्सा अब तक माइन किया जा चुका है। मतलब अब बस लगभग 2 मिलियन बिटकॉइन की माइनिंग की जा सकती है।

bitecoin

कब तक होगा बिटकॉइन माइन 

माना जा रहा है कि यदि सबकुछ ऐसा ही रहा तो, एक दशक में 97 फीसदी बिटकॉइन माइन किए जा चुके होंगे। तो वहीं तीन फीसदी कॉइन अगली एक शताब्दी में माइन हो जाएंगे। इस हिसाब से आखिरी बिटकॉइन सन् 2140 के आसपास माइन किया जाएगा। कहा जा रहा है कि इस माइनिंग के धीमा होने के पीछे की वजह एक प्रकिया है, जिसे हाविंग यानी halving कहते हैं। इसके मुताबिक जिस रेट पर बिटकॉइन जेनरेट किए जाते हैं, यह प्रक्रिया उस रेट को हर चार साल पर 50 फीसदी तक घटा देती है।

bitcoin, income tax

बिटकॉइन का सफर

इस बात पर भी स्टडी की जा रही है कि हार्ड लिमिट का बिटकॉइन पर क्या असर हुआ है। लेकिन लॉन्च होने के एक दशक बाद तक इसकी कीमतें अप्रत्याशित ढंग से बढ़ी हैं। साल 2009 में एक ब्लॉक की माइनिंग से 50 बिटकॉइन जेनरेट किए जा सकते थे, लेकिन उस वक्त इसकी कीमत काफी कम थी।