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HDFC: HDFC और HDFC Bank का होगा विलय, दोनों के शेयरों में आया बड़ा उछाल, जानें किसकी होगी कितनी हिस्सेदारी

HDFC: घोषणा के मुताबिक देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC और प्राइवेट बैंक HDFC दोनों का विलय होगा। जिसमें एचडीएफसी बैंक के 42 शेयरों का शेयर विलय अनुपात एचडीएफसी के 25 शेयरों के साथ होगा। इससे  एचडीएफसी बैंक को अपने होम लोन पोर्टफोलियो को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।

नई दिल्ली। हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC ने सोमवार को बड़ी घोषणा की है। घोषणा के मुताबिक देश की सबसे बड़ी हाउसिंग फाइनेंस कंपनी HDFC और प्राइवेट बैंक HDFC दोनों का विलय होगा। जिसमें एचडीएफसी बैंक के 42 शेयरों का शेयर विलय अनुपात एचडीएफसी के 25 शेयरों के साथ होगा। इससे  एचडीएफसी बैंक को अपने होम लोन पोर्टफोलियो को और मजबूत करने में मदद मिलेगी। बता दें कि सोमवार को दोनों ही कंपनियों की बैठकों में इस बात का निर्णय लिया गया है। इस विलय का असर अभी से दोनों ही कंपनियों के शेयरों पर दिख रहा है। खबर सामने आते ही दोनों ही कंपनियों के स्टॉक में जबरदस्त उछाल देखा गया है।

 

100 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंग वाली कंपनी बन जाएगा बैंक

इस मामले को लेकर आज दोपहर 11:30 बजे दोनों ही कंपनियां प्रेस कांफ्रेंस करेंगी। गौरतलब है कि इस बड़े विलय के बाद एचडीएफसी की सारी सब्सिडियरीज और एसोसिएट एचडीएफसी बैंक का हिस्सा हो जाएंगे। इससे एचडीएफसी बैंक से जुड़े खाताधारकों को भी फायदा होगा। अपने एक बयान में कंपनी ने कहा कि HDFC Limited के शेयरहोल्डर्स को 2 रुपये फेस वैल्यू वाले 25 शेयरों के बदले HDFC Bank के 42 शेयर मिलेंगे। खास बात ये है कि दोनों का विलय होने के बाद HDFC Bank 100 फीसदी पब्लिक शेयरहोल्डिंग वाली कंपनी बन जाएगी। हालांकि HDFC Limited के पास 41 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी। ये खबर सामने आने के बाद से दोनों ही कंपनियों के स्टॉक रॉकेट बन गए हैं। बता दें कि आज तक, एचडीएफसी की कुल संपत्ति 6.23 लाख करोड़ रुपये है जबकि एचडीएफसी बैंक के पास 19.38 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है।

 

दोनों कंपनियों के शेयरों में आया उछाल

खबर सामने आने के बाद आज सुबह 10 बजे से ही बीएसई पर HDFC का स्टॉक 13.60 फीसदी ऊपर बना हुआ है। वहीं एचडीएफसी बैंक के स्टॉक में 10 फीसदी की तेजी बनी हुई है। गौरतलब है कि विलय के लिए दोनों ही कंपनियों को पहले CCI, National Housing Bank, RBI, SEBI,NCLT, BSE, NSE से मंजूरी लेनी होगी। इसके अलावा दोनों ही कंपनियों को अपने-अपने  शेयरहोल्डर्स  से भी मंजूरी लेनी होगी।