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Akshata Murthy: क्या है अक्षता मूर्ति का मामला?, जानिए क्या होती है गैर-डोम स्थिति?

Akshata Murthy: एक भारतीय नागरिक होने के कारण उन्हें गैर-डोम का दर्जा प्राप्त करने में मदद मिली है। अक्षता मूर्ति भारत की नागरिक हैं, जहां उनका जन्म हुआ और जहां के उनके माता-पिता निवासी हैं। भारत अपने नागरिकों को दूसरे देश की नागरिकता रखने की अनुमति नहीं देता है।

नई दिल्ली। टैक्स को लेकर विवादों में घिरी अक्षता मूर्ति, जो ब्रिटिश वित्त मंत्री ऋषि सनक की पत्नी और इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की बेटी हैं। अक्षता भारतीय मूल की हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अक्षता महारानी एलिजाबेथ से अधिक अमीर हैं। अपनी गैर-डोम स्थिति के कारण विदेशों में अर्जित आय पर यूके को कर देने के लिए मूर्ति उत्तरदायी नहीं है। बताया जा रहा है कि इन विवादों के चलते और बढ़ती उपभोक्ता कीमतों के कारण सनक की लोकप्रियता कम हो गई है। कहा जा रहा है कि मूर्ति ने अपनी विदेशी कमाई को ब्रिटिश कर अधिकारियों से छिपाया है और उन्होंने उचित कर का भुगतान नहीं किया है। गौरतलब है कि मूर्ति की अपने पिता के भारत में स्थित आईटी व्यवसाय में हिस्सेदारी है, जिससे वो सालाना £ 11.5 मिलियन कमाती है। कहा जा रहा है कि उन्होंने लाभांश पर 39.35 प्रतिशत की दर से यूके कर का भुगतान नहीं किया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में गैर-डोम स्थिति के बिना इतना कमाने वाले व्यक्ति ने पिछले साल  यूके में आयकर में करीब £5 मिलियन का भुगतान किया था, साथ ही राष्ट्रीय बीमा योगदान में £250,000 का एक और भुगतान किया था। कहा जा रहा है उनके पति की राष्ट्रीय बीमा लागत में £150,000 या उससे अधिक की वृद्धि हुई होगी या तो कराधान में उन्होंने खुद को गैर-डोम घोषित नहीं किया होगा।

गैर-अधिवास स्थिति क्या है?

गैर-अधिवास, या गैर-डोम, एक ब्रिटिश कर स्थिति है, जो फ्रांसीसी क्रांति के बाद से चली आ रही है। इसका मतलब ये है कि एक व्यक्ति जो किसी दूसरे देश में पैदा हुआ था, या उनके माता-पिता किसी अन्य देश से ताल्लुक रखते हैं, तो उन्हें यूके में केवल उनकी यूके की आय पर कर का भुगतान करना होगा। इसमें सरकारी नियमों के तहत, लोगों को गैर-डोम का दर्जा दिया जा सकता है, जिसका अर्थ है कि यूके को उनका स्थायी घर नहीं माना जाता है बशर्ते वो देश में रहते हैं, लेकिन अपने देश वापस जाने का इरादा भी रखते हैं। 2015 में हुए संशोधन के बाद ये प्रक्रिया और अधिक जटिल हो गई। गैर-डोम को 15 साल तक के लिए सीमित कर दिया गया है, जिसने गैर-डोम स्थिति का दावा करने वाले लोगों की संख्या को प्रभावी ढंग से कम कर दिया है। अब केवल बहुत अमीर लोग ही इसका लाभ उठा सकते हैं। कई लोग 15 साल के बाद पांच साल के लिए यूके से बाहर चले जाते हैं, और फिर वापस लौटते हैं और 15 साल के गैर-डोम का दावा करते हैं।

क्या है अक्षता मूर्ति का मामला?

मूर्ति के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा है कि एक भारतीय नागरिक होने के कारण उन्हें गैर-डोम का दर्जा प्राप्त करने में मदद मिली है। अक्षता मूर्ति भारत की नागरिक हैं, जहां उनका जन्म हुआ और जहां के उनके माता-पिता निवासी हैं। भारत अपने नागरिकों को दूसरे देश की नागरिकता रखने की अनुमति नहीं देता है। ब्रिटिश कानून के अनुसार, मूर्ति को ब्रिटेन के कर उद्देश्यों के लिए गैर-अधिवासी माना जाता है। रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि वो हमेशा अपनी यूके की सभी आय पर यूके के करों का भुगतान करती रही हैं। अक्षता यूके में टैक्स रेजिडेंट है, क्योंकि वो वहां रहती है। जबकि सच ये है कि वो एक भारतीय नागरिक हैं। जिसके बाद सनक ने इस बात का समर्थन करते हुए कहा “यही उनका परिवार है … ‘वही वह जगह है, जिसे आप जानते हैं,  वो अपने माता-पिता के बूढ़े होने पर उनकी देखभाल करना चाहेगी।” बता दें, पिछले नौ कर वर्षों में से सात के लिए यूके में रहने के बाद, उन्हें गैर-डोम स्थिति बनाए रखने के लिए £ 30,000 के शुल्क का भुगतान करना होगा, जो जैसा कि मूर्ति करती हैं। पिछले 14 कर वर्षों में से 12 के बाद, शुल्क £60,000 है। और एक बार जब कोई यूके में 15 साल तक रहता है, तो वो स्वत: ही वहां के वासी हो जाते हैं। बताया जाता है, कि मूर्ति 2015 में यूके चली गई थीं।