जितेश खन्ना, एक रियल स्टेट उद्यमी हैं। वे विगत 20 वर्षों से इस व्यवसाय में सक्रिय हैं। वे लोगों को घरेलू समाधान के साथ-साथ जीवन कौशल भी प्रदान करते हैं। बहुमुखी प्रतिभा के धनी होने की वजह से उनका नाम उन चुनिंदा युवा विजेताओं की सूची में शामिल हैं, जो रियल्टी सर्किलों में प्रमुख व्यवसायों के अपने अभिनव सरल तरीकों और अपने सहयोगियों को सलाह देने के लिए जाना जाते हैं। जितेश खन्ना व्यवसाय में प्रमुख प्रधान व निजी जीवन में दयालु इंसान के रूप में जाने जाते हैं। वे व्यवसायिक लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहने के साथ-साथ सामाजिक विकास कार्यक्रम में लोगों को शामिल कर समाज में मूल्य संवर्धन की दिशा में परिश्रम भी करते हैं। वे सीएनबीसी आवाज उद्यमी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भी नजर आएं हैं।
जितेश खन्ना से जानिए जीवन का पाठ
जितेश खन्ना उद्यमी होने के साथ-साथ विविध आयामों में रूची रखने वाले व्यक्ति हैं। वे उद्यमी होने के अलावा लेखक, कलाकार, शिक्षाविद, प्रतिष्ठित वक्ता व समाजसेवक भी हैं। वे रियल स्टेट में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ाने के लिए सोर फॉर्म की अवधारणा लेकर आए थे। इसके अलावा उन्होंने व्यापार उत्कृष्टता श्रेणी में Excellence Award 2020 का खिताब भी अपने नाम जीता था।
जानिए जितेश खन्ना के सिद्धांत
जितेश खन्ना अथक आशावादी किस्म के व्यक्ति हैं, जो यह विश्वास करते हैं कि जीवन में कोई विफलता नहीं होती है, सिर्फ प्रतिपुष्टि होती है। इसके साथ ही वे इस सिद्धांत का पालन करते हैं कि अपने आपको फिर से खोजे और अपने उद्देश्य बिंदुओं में परिवर्तन लाते रहिए। जितेश खन्ना कहते हैं कि एक व्यक्ति को हमेशा खुद के रुपातरंण को विकसित करने हेतु समन्वेषण क्रिया में सक्रिय रहना चाहिए। जितेश खन्ना के अनुसार, स्वयं को खोजते हुए व्यक्ति अपनी निर्धारित सीमाओं को आगे बढ़ा कर अपने अंदर छिपे अप्रितम प्रतिभा की खोज कर सकता है।
परिवर्तन देखने के लिए पहले खुद के अंदर परिवर्तन लाएं
जितेश खन्ना कहते हैं कि जैसे-जैसे हम प्रगति करते चले जाते हैं, वैसे-वैसे परिवर्तनों को देखना चाहते हैं। लेकिन हम ज्यादातर दूसरों पर निर्भर रहते हैं। अगर हम बदलाव को अपने अंदर खोजना सीख लें, तो ये हमारे लिए गेमचेंजर सफलता साबित होगी। खन्ना बौद्ध की विचारधाराओं से अपनी अंतदृष्टि साझा करते हुए कहते हैं कि वास्तविक सौंदर्यता आतंरिक कल्याण से प्राप्त होती है।
वे कहते हैं कि अगर हम खुश रहें और अंदर से शांत रहें, तो हम खुश रहेंगे और वही हमारे शरीर से भी प्रतिबंब होगा। एक प्रख्यात कवि के उद्धरण का हवाला देते हुए वे आग्रहपूर्वक लोगों से सकारात्मक और वर्तमान में रहने का निवेदन करते हैं। वे आगे कहते हैं कि जब आप भूत काल के बारे में सोचते हैं, तो आप शोक जताते हैं और जब आप भविष्य के बारे में सोचते हैं, तो चिंतित हो जाते हैं, लेकिन यदि आप वर्तमान में रहेंगे, तो निसंदेह आप विपुल शांति की अनुभूति प्राप्त करेंगे।