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Omicron: अगले साल से बूस्टर डोज देने का फैसला कर सकती है मोदी सरकार, बस इसका है इंतजार

सरकार ओमिक्रॉन वैरिएंट के खुद ब खुद आइसोलेट होने का इंतजार कर रही है। वहीं, बताया जा रहा है कि कोविशील्ड और को-वैक्सीन के ओमिक्रॉन के खिलाफ कारगर होने के नतीजे भी सामने आने का इंतजार सरकार को है। ये नतीजे इस साल के अंत तक आ जाएंगे और फिर सरकार बूस्टर डोज लगाने के बारे में अंतिम फैसला करेगी।

नई दिल्ली। ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते खतरे के बीच चौतरफा उठ रही बूस्टर डोज की मांग को मोदी सरकार अगले साल से लागू कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक बूस्टर डोज के मसले पर चर्चा चल रही है। बताया गया है कि अगले साल से पहले स्वास्थ्यकर्मियों और ज्यादा जोखिम वाले लोगों को बूस्टर डोज दिया जाएगा। इसकी आधिकारिक घोषणा इस साल के अंत तक की जा सकती है। बूस्टर डोज देने की मांग डॉक्टरों के संगठन IMA, सीरम इंस्टीट्यूट के चीफ अदार पूनावाला और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने मोदी सरकार से की है। सरकार दरअसल ये देखना चाहती है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की चाल किस तरह रहती है। अभी इसके मरीज लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन इन सभी में हल्के लक्षण हैं और किसी को भी अस्पताल में दाखिल कराने की जरूरत नहीं पड़ी है।

ओमिक्रॉन वैरिएंट से अब तक सिर्फ ब्रिटेन में एक मरीज की मौत हुई है। सरकार ओमिक्रॉन वैरिएंट के खुद ब खुद आइसोलेट होने का इंतजार कर रही है। वहीं, बताया जा रहा है कि कोविशील्ड और को-वैक्सीन के ओमिक्रॉन के खिलाफ कारगर होने के नतीजे भी सामने आने का इंतजार सरकार को है। ये नतीजे इस साल के अंत तक आ जाएंगे और फिर सरकार बूस्टर डोज लगाने के बारे में अंतिम फैसला करेगी। एक अखबार ने राष्ट्रीय तकनीकी टीकाकरण सलाहकार समिति से जुड़े एक वरिष्ठ डॉक्टर के हवाले से खबर दी है वैक्सीन की अतिरिक्त खुराक देने पर लगभग सभी विशेषज्ञों की सहमति बन चुकी है, लेकिन अभी इसे अनुमति नहीं दी जा सकती है क्योंकि तीसरी खुराक को लेकर हमारे पास अभी कुछ नहीं है।

VK paul

वरिष्ठ डॉक्टर ने अखबार को बताया कि करीब 40 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी व अति जोखिम वाली आबादी है जिसका चयन बूस्टर डोज के लिए हुआ है। वहीं, एम्पॉवर्ड ग्रुप के एक अधिकारी के हवाले से अखबार ने बताया है कि अतिरिक्त खुराक का नियम बनना और टीके को मंजूरी मिलना दोनों अलग-अलग मामले हैं। नियम बनाने के लिए राष्ट्रीय तकनीकी टीकाकरण सलाहकार समिति और नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में गठित टीकाकरण समिति काम कर रही है। डॉ. पॉल ने कल कहा था कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के प्रसार के पीक पर हर रोज करीब 15 लाख नए मरीज सामने आ सकते हैं। उन्होंने पहले कहा था कि इस वैरिएंट के खिलाफ वैक्सीन हो सकता है कि काम न भी करे। देखा भी गया है कि वैक्सीन ले चुके लोगों को भी ओमिक्रॉन ने गिरफ्त में लिया है। ब्रिटेन में करीब 75 फीसदी लोगों को वैक्सीन लग चुकी है, लेकिन वहां ओमिक्रॉन लगातार और तेजी से फैल रहा है।