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Covid: कोरोना के बारे में आई अच्छी खबर, इस तारीख के बाद कम होते जाएंगे केस

दिल्ली, मुंबई और महाराष्ट्र के अलावा बंगाल और उसकी राजधानी कोलकाता में भी पिछले तीन दिन से केस लगातार कम आ रहे हैं। हालांकि, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में केस काफी ज्यादा हैं। माना जा रहा है कि इन राज्यों में कोरोना का पीक अगले एक हफ्ते में आ जाएगा।

नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर कब तक थमेगी ? इस सवाल का जवाब हर कोई जानना चाहता है। तो चलिए हम आज आपको बताते हैं कि कोरोना की मौजूदा लहर से राहत कब तक मिल सकती है। फिलहाल पिछले कुछ दिनों से दिल्ली और महाराष्ट्र समेत कई जगह कोरोना केस कम हो रहे हैं। तमाम राज्यों में हालांकि अब तक पीक नहीं आया है। माना जा रहा है कि अगले एक से डेढ़ हफ्ते में हर जगह कोरोना का पीक आ जाएगा और उसके बाद केस कम होने शुरू होंगे। आईआईटी मद्रास और आईआईटी कानपुर के विशेषज्ञों ने भी कुछ ऐसी ही भविष्यवाणी की थी। अब सरकारी सूत्रों का भी कहना है कि 15 फरवरी के बाद से कोरोना की मौजूदा लहर के केस कम होने शुरू होंगे। बड़े शहरों में कोरोना कम हो रहा है और वैक्सीनेशन की वजह से इस बार की लहर ज्यादा गंभीर नहीं बनी है।

दिल्ली, मुंबई और महाराष्ट्र के अलावा बंगाल और उसकी राजधानी कोलकाता में भी पिछले तीन दिन से केस लगातार कम आ रहे हैं। हालांकि, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में केस काफी ज्यादा हैं। माना जा रहा है कि इन राज्यों में कोरोना का पीक अगले एक हफ्ते में आ जाएगा। इसके बाद तीनों दक्षिणी राज्यों में कोरोना के नए मरीज मिलने कम हो जाएंगे। बात अगर यूपी की करें, तो यहां भी रोज कोरोना के सैकड़ों नए मरीज मिल रहे हैं, लेकिन अच्छी बात ये है कि मौतों की संख्या यहां कम है। यूपी ने कल तक 25 करोड़ कोरोना टीके लगा दिए थे। इनमें से करीब 16 करोड़ लोगों को सिंगल डोज मिली है।

corona virus

कोरोना की तीसरी लहर हालांकि दुनिया के कई देशों में कहर बरपा रही है। अमेरिका इस मामले में नंबर 1 है। यहां हर रोज लाखों की तादाद में मरीज मिल रहे हैं। वैसे यूरोप के देशों में अब कोरोना के मामले कम हो रहे हैं। फिर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने चेतावनी दी है कि कोरोना को अभी गया हुआ नहीं मान लेना चाहिए। संगठन के मुताबिक आने वाले समय में कोरोना के और वैरिएंट के आने के आसार हैं और ये वैरिएंट काफी खतरनाक भी हो सकते हैं। बता दें कि फिलहाल ओमिक्रॉन वैरिएंट का भी एक सब वैरिएंट सामने आ चुका है। इसे वैज्ञानिकों ने बीए.2 नाम दिया है। ये सब वैरिएंट भारत में भी पहुंचा है और इसके करीब 21 मरीज यहां अब तक मिल चुके हैं। इन मरीजों में ये सब वैरिएंट 50 फीसदी तक फेफड़ों पर असर कर रहा है।