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कोरोना के खिलाफ जंग में भारत की तारीफ कर रहा अमेरिका, कहा US के बाद भारत ने ही किए सबसे ज्यादा…

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने बताया, कोरोना वायरस की जांच के संबंध में, हमने 4.2 करोड़ से अधिक नमूनों की जांच की है। इसके बाद सर्वाधिक 1.2 करोड़ नमूनों की जांच भारत में हुई है।

नई दिल्ली। कोरोना से छिड़ी लड़ाई में जिस तरह से भारत ने कमर कसी है उसको देखते हुए पूरी दुनिया में भारत की तारीफ की जा रही है। अब कोरोना टेस्ट को लेकर भारत अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है। शुक्रवार को व्हाइट हाउस ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का पता लगाने के लिए सर्वाधिक 4.2 करोड़ नमूनों की जांच अमेरिका (US) ने की है, इसके बाद सर्वाधिक 1.2 करोड़ नमूनों की जांच भारत में हुई है।

white house

कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में अमेरिका और भारत साथ-साथ कदम बड़ा रहे हैं, ऐसे में अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि भारत और अमेरिका कोरोना वायरस का मिलकर मुकाबला कर रहे हैं और साथ ही दोनों देश मिलकर कोविड-19 टीका भी विकसित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, जीवन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच साझेदारी का लाभ पूरी दुनिया तक पहुंचेगा।

corona vaccine trial

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कायले मैकनेनी ने बताया, ‘कोरोना वायरस की जांच के संबंध में, हमने 4.2 करोड़ से अधिक नमूनों की जांच की है। इसके बाद सर्वाधिक 1.2 करोड़ नमूनों की जांच भारत में हुई है। जांच के मामले में हम पूरे विश्व में सबसे आगे चल रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि रिकॉर्ड जांच करने का ट्रंप प्रशासन का कदम पूर्ववर्ती प्रशासन द्वारा उठाए कदमों के ठीक विपरीत है। मैकनेनी ने बताया कि सीबीएस टीवी के मुताबिक 2009 में मले को गिनना बंद करने को कहा था।ओबामा-बाइडेन प्रशासन नीत रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र ने राज्यों से एच1एन1 फ्लू की जांच बंद करने को और हर एक मामले को गिनना बंद करने को कहा था।

मैकनेनी ने बताया कि टीके के संबंध में भी अच्छी खबर मिल रही है। उन्होंने बताया, ‘मॉडर्ना द्वारा जिस टीके का परीक्षण किया जा रहा है उसके शोध में शामिल 45 लोगों पर अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। जुलाई के अंत तक इस टीके का तीसरे चरण का परीक्षण होने की उम्मीद है जिसमें 30,000 लोगों को शामिल किया जाएगा।’ मैकनेनी ने बताया कि कोविड-19 की उपचार पद्धति के संबंध में भी उत्साहजनक जानकारी मिली है। अमेरिका में 35 लाख से अधिक लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए और संक्रमण से 1,38,000 लोगों की मौत हो चुकी है विश्वभर में संक्रमण के 13.6 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आए और 5,86,000 रोगियों की मौत हो चुकी है।

अमेरिका के मध्य-पश्चिमी हिस्सों से आए भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रतिष्ठित सदस्यों के साथ ऑनलाइन संवाद में संधू ने कहा, ‘वैश्विक महामारी के दौरान भारत और अमेरिका मिलकर काम कर रहे हैं। भारत और अमेरिका के वैज्ञानिक संस्थान एक-दूसरे के संपर्क में लगातार बने हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमारी फार्मास्यूटिकल कंपनियां टीका विकसित करने के लिए मिलकर काम कर रही हैं। इस तरह की कम से कम तीन साझेदारी चल रही है। गिलियड ने भारत की सात फार्मा कंपनियों के साथ कोविड-19 के उपचार में उपयोग की जाने वाली दवा रेमडेसिविर के उत्पादन औैर वितरण के लिए साझेदारी की है।’

PM Modi And Donald Trump

संधू ने कहा कि संकट के दौरान भारत एक भरोसेमंद साझेदार रहा है और उसने अमेरिका समेत 150 से अधिक देशों को दवाएं एवं उपकरण पहुंचाए। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के कारण जीवनशैली बदल गई है और समय रहते लॉकडाउन लगाने से ही भारत वायरस के प्रकोप को टाल सका। अब देश में मोटे तौर पर पाबंदियां हट चुकी हैं। निषिद्ध क्षेत्रों में अब भी ऐसे लोगों की संख्या काफी अधिक है जो संक्रमित हैं और उपचार करवा रहे हैं इसलिए इन क्षेत्रों में अब भी पाबंदियां हैं। अन्य हिस्सों में आर्थिक गतिविधियां पटरी पर आ रही हैं। राजदूत ने कहा कि देश में संक्रमण से ठीक होने वाले लोगों की दर 65 फीसदी से अधिक है और मृत्यु दर कम है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पहले से लंबित मुद्दों के समाधान के लिए ऐतिहासिक फैसले लिए हैं। राजदूत संधू ने कहा, ‘एक लोकतंत्र के तौर पर हमारी प्रतिबद्धता लोगों के कल्याण की है। ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ हमारे प्रशासन का मूलमंत्र है. प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ का आह्वान किया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करना चाहते हैं जो वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ जुड़ा हो।’ उन्होंने कहा कि सबसे पुराने और बड़े लोकतंत्र होने के नाते भारत और अमेरिका नैसर्गिक सहयोगी हैं।