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Covid: भारत में ओमिक्रॉन मरीजों की संख्या बढ़कर 64 हुई, डेनमार्क में खोजे गए अणु से होगा कोरोना का मुकाबला

तेलंगाना में 3 विदेशियों के मामले सामने आने के बाद भारत में ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या 64 हो गई है। तेलंगाना में ओमिक्रॉन के 3 और मरीज मिले हैं। इनमें एक केन्या की महिला, एक सोमालिया का शख्स और 7 साल का बच्चा है।

हैदराबाद/कोपेनहेगन। तेलंगाना में 3 विदेशियों के मामले सामने आने के बाद भारत में ओमिक्रॉन के मरीजों की संख्या 64 हो गई है। तेलंगाना में ओमिक्रॉन के 3 और मरीज मिले हैं। इनमें एक केन्या की महिला, एक सोमालिया का शख्स और 7 साल का बच्चा है। ये तीनों पश्चिम बंगाल गए थे। महिला और पुरुष मरीज को हैदराबाद के गाचीबावली इलाके के टिम्स हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया है। पश्चिम बंगाल सरकार को भी इनके वहां जाने की जानकारी दी गई है, ताकि वहां कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग कराई जा सके। इसके साथ ही अभी भारत में ओमिक्रॉन के मरीजों की कुल तादाद 64 तक जा पहुंची है। अभी राजस्थान में 17, गुजरात में 4, महाराष्ट्र में 28, कर्नाटक में 3, केरल में 1, आंध्र में 1, तेलंगाना में 3 और दिल्ली में ओमिक्रॉन के 6 मरीज हैं। इनमें से कई मरीज ठीक भी हो चुके हैं।

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उधर, डेनमार्क के वैज्ञानिकों ने कोरोना के हर वैरिएंट का सस्ता और बेहतरीन इलाज खोजने का दावा किया है। डेनमार्क की आरहस यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने एक ऐसा अणु खोजा है, जो कोरोना वायरस के हर वैरिएंट और म्यूटेंट पर असरदार है। यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के मुताबिक ये अणु कोरोना वायरस की बाहरी परत से चिपक जाता है और इसे मानव कोशिका में प्रवेश करने से रोक देता है। आरहस यूनिवर्सिटी के मुताबिक एंटीबॉडी से कोरोना मरीजों के इलाज के मुकाबले अणु से इलाज करना आसान भी होगा और सस्ता भी। ये अणु आसानी से बनाया जा सकता है। रैपिड एंटीजन या आरटी-पीसीआर टेस्ट में कोरोना का पता चलते ही मरीज को ये अणु दे दिया जाए, तो वो कोरोना के वायरस को फैलने से तुरंत रोक देता है।

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फिलहाल दुनिया में कोरोना के दो वैरिएंट के मरीज मिल रहे हैं। पहला तो डेल्टा वैरिएंट है। ये वैरिएंट दुनिया के हर देश में फैला और इतना खतरनाक है कि लाखों लोगों की जान इसने ली है। इस साल नवंबर से ओमिक्रॉन वैरिएंट के बारे में पता चला है। इसके 50 से ज्यादा म्यूटेंट हैं। डेनमार्क की यूनिवर्सिटी का दावा है कि जितने भी कोरोना के वैरिएंट आ रहे हैं, उनसे उनका खोजा गया अणु अच्छे से मुकाबला करने के अलावा मौत और हॉस्पिटल में दाखिल करने को भी रोकेगा। इस अणु पर और रिसर्च हो रही है और जल्दी ही इसे किसी कंपनी के सहयोग से बाजार में उतारने की तैयारी रिसर्च टीम कर रही है।