नई दिल्ली। दुनियाभर में कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के खिलाफ अब कई वैक्सीन कंपनियों का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। दावा किया जा रहा है कि अगर सबकुछ सही रहा तो अगस्त के आखिर तक कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो सकती है।
ऐसे में अब इस पर भी चर्चा जोरों पर है कि आखिर वैक्सीन की पहली डोज किसे दी जाएगी। इस मसले पर सरकार में भले ही अभी चर्चा हो रही हो, लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इशारों ही इशारों में कुछ संकेत जरूर दे दिए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण की बातों पर गौर करें तो कोराना वैक्सीन की पहली प्राथमिकता हेल्थ वर्कर्स को मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि सरकार के बाहर भी इस बात पर सहमति बनती दिख रही है कि हेल्थकेयर वर्कर्स को कोरोना वैक्सीन की डोज पहले मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे यह भी संदेश जाएगा कि भारत उस काम की सराहना करता है जो इन फ्रंटालाइन हेल्थ वर्कर्स ने किया है। इससे हेल्थवर्कर्स की कमी को भी पूरा किया जा सकेगा।
उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अभी ऐसी कोई लिस्ट तैयार नहीं की जा रही है लेकिन अगर लिस्ट तैयार होती है तो पहले हेल्थ वर्कर्स और दूसरे नंबर पर बुजुर्ग और अन्य बीमारी से ग्रस्त लोगों को वैक्सीन दी जा सकती है। वैक्सीन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन भी अपनी नजर बनाए हुए है। WHO की रीजनल डायरेक्टर डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह के मुताबिक जब वैक्सीन बनकर तैयार होती जो दुनिया के हर शख्स तक इसकी पहुंच होगी। WHO ने कहा कि वैक्सीन की शुरुआती डोज सभी देशों में पहुंचाई जाएंगी ताकि हेल्थवर्कर्स को इम्यूनाइज किया जा सके।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि सरकार की तरफ से अभी ऐसी कोई लिस्ट तैयार नहीं की गई है लेकिन जिसे पहले जरूरत होगी वैक्सीन उसे पहले दी जाएगी। जिन इलाकों में कोरोना का खतरा सबसे ज्यादा है उन तक कोरोना वैक्सीन पहले पहुंचाई जाएगी। भारत में कोविड-19 टास्क फोर्स के चीफ डॉ वीके पॉल के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद कोरोना वैक्सीन को लेकर नजर बनाए हुए हैं। वह चाहते हैं कि कोरोना वैक्सीन जल्द से जल्द परीक्षण में सफल हो, जिससे लोगों तक इसे पहुंचाया जा सके।