मुंबई। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल के बाद अब आईआईटी बॉम्बे ने भविष्यवाणी की है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से भारत में फरवरी में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। इससे पहले प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने अपने सूत्र गणितीय मॉडल के हवाले से बताया था कि भारत में इस साल अगस्त से ही कोरोना की तीसरी लहर चल रही है और फरवरी में इसका पीक आ सकता है। प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा था कि पीक के वक्त हर दिन एक से डेढ़ लाख मरीज मिल सकते हैं। अब आईआईटी बॉम्बे ने भी प्रोफेसर अग्रवाल के दावे पर मुहर लगाई है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट के फिलहाल भारत में करीब 22 मामले हैं। ये सभी मरीज विदेश से लौटे हैं। ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीजों में लक्षण काफी हल्के हैं। इनमें बदन दर्द, थकान, सिरदर्द और हल्का बुखार देखा जा रहा है। जबकि, सभी मरीजों के स्वाद और गंध बरकरार हैं। इससे पहले के कोरोना वैरिएंट में स्वाद और गंध की शक्ति चली जाती थी। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए फिर लॉकडाउन लगाने की सलाह दी है।
देश में फिलहाल 50 फीसदी पात्र आबादी को वैक्सीन की दोनों डोज लगाई जा चुकी हैं। जबकि, 85 फीसदी पात्र आबादी को एक डोज लग चुकी है। इस बीच, देश में गंभीर बीमारियों के मरीजों को कोरोना टीके का बूस्टर डोज लगाने पर विचार हो रहा है। वैक्सीनेशन के लिए बने राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने सोमवार को इस बारे में बैठक की, लेकिन इस पर कोई फैसला अभी नहीं लिया गया है। बता दें कि बूस्टर डोज के फायदों को लेकर अब तक कोई पुख्ता वैज्ञानिक सबूत भी नहीं मिले हैं।