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Delhi University: डीयू में प्रमोशन फॉर्म नहीं भर सके कई शिक्षक, अंतिम तिथि 6 माह बढ़ाने की मांग

Delhi University: कोविड से उत्पन्न स्थिति के कारण दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शिक्षक अपनी प्रमोशन का फॉर्म नहीं भर सके हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए अब शिक्षकों ने फॉर्म भरने की अंतिम तिथि आगे बढ़ाने की मांग की है।

नई दिल्ली। कोविड से उत्पन्न स्थिति के कारण दिल्ली विश्वविद्यालय के कई शिक्षक अपनी प्रमोशन का फॉर्म नहीं भर सके हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए अब शिक्षकों ने फॉर्म भरने की अंतिम तिथि आगे बढ़ाने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि यह तारीख 31 दिसंबर तक बढ़ा दी जानी चाहिए। दिल्ली विश्वविद्यालय में शिक्षकों के प्रमोशन के मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री, यूजीसी के चेयरमैन और डीयू के कार्यवाहक कुलपति को पत्र लिखकर प्रमोशन की समय सीमा 17 जुलाई से बढ़ाकर इसे 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ाने की मांग की गई है।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में 17 जुलाई तक शिक्षकों की प्रमोशन की समय सीमा तय की गई है। हालांकि अभी भी बहुत से कॉलेजों में एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर के पदों पर प्रमोशन होना बाकी है। पिछले एक दशक से शिक्षक अपनी इस प्रमोशन का इंतजार कर रहे है।

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दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) के प्रभारी डॉ हंसराज सुमन ने शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा है। इस पत्र में बताया है कि कोविड महामारी के चलते बहुत से कॉलेजों के शिक्षक व्यक्तिगत बीमारी या अन्य किसी संकट की वजह से अपने प्रमोशन के लिए आवेदन पत्र प्रेषित नहीं कर सके। हालांकि वे सभी प्रमोशन संबंधी पूर्ण योग्यता रखते हैं। उन्होंने यह भी मांग की है कि इस प्रमोशन की प्रक्रिया को संचालित करने के लिए तथा शिक्षकों को इसमें शामिल होने के लिए छह महीने 31 दिसंबर 2021 के लिए अंतिम तिथि बढ़ा दी जाए। ऐसा होने पर सभी शिक्षकों की प्रमोशन की जा सकेगी।

उनका कहना है कि पिछले एक दशक से कॉलेज शिक्षकों की प्रमोशन नहीं हो रही थीं। शिक्षकों के आंदोलन के बाद 5 दिसम्बर 2019 के शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी सकरुलर में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति व प्रमोशन जल्द करने के निर्देश दिए गए थे। उन्होंने बताया है कि पूर्व कुलपति के जाने के बाद कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर पीसी जोशी ने पिछले आठ महीने से विभागों और कॉलेजों में शिक्षकों की प्रमोशन का कार्य तीव्र गति से चलाया है।

पिछले एक वर्ष में कोरोना महामारी के चलते बीच-बीच में दिक्कतें भी आती रही। उनका कहना है कि प्रमोशन के बाद एडहॉक शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति और समायोजन संबंधी कदम उठाए जाए ताकि उन्हें भी इस एडहॉकइज्म से मुक्ति मिले। डॉ सुमन ने पत्र में लिखा है कि कॉलेज स्तर पर शिक्षकों की प्रमोशन संबंधी आवेदन फार्म भरने, स्कूटनी व स्क्रीनिंग में देरी के अलावा एसोसिएट प्रोफेसर व प्रोफेसर पदों पर प्रमोशन के नियमों और एलिजीबिलिटी क्राइटेरिया जैसे तकनीकी पहलूओं के कारण अभी भी काफी शिक्षकों की प्रमोशन नहीं हुई है। इसलिए उनकी प्रमोशन करने के लिए 17 जुलाई से बढ़ाकर 31 दिसंबर तक का समय मिलना चाहिए। इस दौरान सभी शिक्षकों की प्रमोशन हो जाएगी।