दार्जिलिंग। पश्चिम बंगाल में एक बार फिर चुनाव बाद हिंसा की घटनाएं सामने आने लगी हैं। मामला दार्जिलिंग का है। यहां बीजेपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान के परिवार के लोगों ने तलवार और अन्य धारदार हथियारों से हमला किया। पुलिस पर भी इन लोगों ने आरोप लगाया है कि उसने एफआईआर दर्ज नहीं की।
दार्जिलिंग के माटीगाड़ा पुलिस थाने के बाहर पीड़ित बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। पीड़ितों में शामिल नंद किशोर ठाकुर ने मीडिया को बताया कि वोटिंग खत्म होने के बाद बीजेपी कार्यकर्ता अपने घर चले गए। इसके बाद टीएमसी के समर्थक आए और उन्होंने गाली-गलौज की। इसकी शिकायत ग्राम प्रधान और पूर्व ग्राम प्रधान से की गई। उन्होंने इस पर भरोसा दिया कि कदम उठाएंगे, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने माटीगाड़ा थाने पहुंचकर एफआईआर कराने की कोशिश की। इसमें भी नाकाम रहे। नंद किशोर ठाकुर के मुताबिक इसके बाद 25-30 लोग उनके घर आए और हमला कर दिया।
#WATCH | West Bengal: “After the voting concluded we went to our homes…They came and started abusing that I support the BJP. We informed the village chief and former village chief but no action was taken…We came to the police station to lodge an FIR, but it was not… https://t.co/fk47JoHSYS pic.twitter.com/zTCDSQ000p
— ANI (@ANI) April 29, 2024
पश्चिम बंगाल में हर बार चुनाव से पहले और बाद में खूनखराबे की घटनाएं सामने आती हैं। 2021 में भी जब पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए थे, तो उससे पहले और बाद में खूब हिंसा हुई थी। यहां तक कि उत्तर बंगाल से तमाम बीजेपी कार्यकर्ताओं को परिवार समेत पलायन कर असम में शरण भी लेनी पड़ी थी। कलकत्ता हाईकोर्ट ने तब हिंसा की घटनाओं की जांच सीबीआई को सौंपी थी और सत्तारूढ़ टीएमसी के कई कार्यकर्ता हिंसा करने के आरोप में गिरफ्तार भी हुए थे। इस बार हिंसा को रोकने के लिए चुनाव आयोग ने बड़ी तादाद में केंद्रीय बलों की तैनाती की है, लेकिन दार्जिलिंग की घटना से साफ हो रहा है कि चुनाव बाद हिंसा की और भी घटनाएं होने की आशंका है।