लखनऊ। हिंदू-मुस्लिम, विरासत कर, पाकिस्तान, संपत्ति का बंटवारा जैसे मुद्दों के बाद अब बीजेपी और कांग्रेस के बीच राशन की सियासी जंग छिड़ गई है। मोदी सरकार हर महीने देश के 80 करोड़ गरीब परिवारों को पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना यानी PMGKAY के तहत 5 किलोग्राम राशन दे रही है। इसी का काउंटर अब कांग्रेस ने किया है। लखनऊ में बुधवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि अगर विपक्ष की सरकार बनी, तो वो 10 किलो राशन देगी।
“बीजेपी 5 किलो अनाज दे रही है, हम अगर सरकार में आएंगे तो गरीबों को 10 किलो अनाज देंगे”
◆ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा@kharge | 10 KG Food Grain | #LokSabaElctions2024 pic.twitter.com/Hqf5RRTCAH
— News24 (@news24tvchannel) May 15, 2024
कांग्रेस की तरफ से जारी घोषणापत्र में 10 किलो राशन देने का वादा नहीं किया गया था। ऐसे में लोकसभा चुनाव के 4 चरण खत्म होने के बाद कांग्रेस की तरफ से अचानक ये वादा किया गया है। खास बात ये भी है कि कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से 10 किलोग्राम राशन देने का वादा गृहमंत्री अमित शाह के उस दावे के ठीक एक दिन बाद किया गया है कि बीजेपी ने लोकसभा के चार चरण के चुनाव में बहुमत के लिए जरूरी 270 सीटों की संख्या जुटा ली है। इससे पहले कांग्रेस के घोषणापत्र में गरीब परिवार की महिलाओं को हर साल 1 लाख रुपए देने, मनरेगा की मजदूरी बढ़ाने संबंधी कई घोषणाएं की गई थीं।
अब जरा ये भी जान लेते हैं कि मोदी सरकार हर साल गरीब परिवारों को 5 किलो राशन देने में कितनी रकम खर्च करती है? मोदी सरकार हर साल करीब 2 लाख करोड़ रुपए इस बाबत खर्च कर रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस योजना को और 5 साल के लिए बढ़ाने का एलान लोकसभा चुनाव से पहले किया था। 5 साल तक मुफ्त अनाज योजना चलाने में सरकार का 1.8 लाख करोड़ खर्च होगा। यानी अगर कांग्रेस की सरकार आती है और गरीबों को 10 किलो मुफ्त राशन देती है, तो अगले 5 साल में करीब 23 लाख करोड़ रुपए का खर्च आएगा। ये सारा पैसा टैक्स के जरिए ही आएगा। यानी कांग्रेस की सरकार बनने पर टैक्स देने वालों पर बोझ पड़ना स्वाभाविक होगा।