नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के दौर बस होने ही वाले हैं। 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले दौर की वोटिंग होने जा रही है। चुनाव का अंतिम चरण 1 जून को होगा और 4 जून को पता चल जाएगा कि देश की जनता ने एक बार फिर मोदी सरकार बनाने का आदेश दिया है या विपक्ष को सत्ता सौंपी है। 4 जून को तो नतीजा आएगा, लेकिन 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव के कुछ आंकड़े देखने जरूरी हैं।
साल 2019 की बात करें, तो बीजेपी को 2014 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले 5 करोड़ ज्यादा वोट मिले थे। 2014 में बीजेपी के पक्ष में 17.1 करोड़ लोगों ने वोट डाला था। जबकि, 2019 में 22 करोड़ लोगों ने बीजेपी को फिर केंद्र की सत्ता सौंपी थी। बीजेपी को 17 राज्यों में 50 फीसदी से भी ज्यादा वोट हासिल हुए थे। 2019 में बीजेपी को 37.43 फीसदी वोट मिले थे। 5 साल में ही 5 करोड़ वोटों की बढ़त हैरतअंगेज ही कही जाएगी। बात कांग्रेस की करें, तो 2014 के लोकसभा चुनाव से 1.17 करोड़ ज्यादा वोट उसे 2019 के लोकसभा चुनाव में मिले। कांग्रेस के पक्ष में इस तरह 2019 में 11.86 करोड़ वोटरों ने अपना मत दिया था। हालांकि, 17 राज्यों में कांग्रेस का एक भी लोकसभा सांसद नहीं चुना गया था।
इस बार पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी के लिए 370 और एनडीए के लिए 400 पार का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए बीजेपी को ज्यादातर राज्यों में सभी लोकसभा सीटें जीतनी होंगी। उसे अपना वोट प्रतिशत भी बढ़ाकर 50 फीसदी करना होगा। वहीं, अगर विपक्ष को बीजेपी को सत्ता से हटाना है, तो बहुत मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी। देश के हर राज्य में कांग्रेस और विपक्ष को बीजेपी का रथ हर हाल में रोकना होगा। विपक्ष ऐसा करने में सफल हो पाता है या नहीं, ये 4 जून को ईवीएम के ऑन होने पर ही पता चलेगा। हालांकि, विपक्ष ये दावा कर रहा है कि इस बार सत्ता से बीजेपी को वो उखाड़ फेंकेगा।