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झूठ और प्रपंच के सहारे चुनावी नैया पार करने की कोशिश में हताश और निराश विपक्ष

विपक्ष जानता था कि यह वीडियो फर्जी है बावजूद इसके इसको शेयर किया गया। 28 अप्रैल को झारखंड कांग्रेस के हैंडल से इस वीडियो को शेयर किया गया।

देश के गृहमंत्री का एआई के जरिए झूठा वीडियो बनाया जाता है। यह जानते हुए भी वीडियो फर्जी है फिर भी कांग्रेस की नेताओं की तरफ से वीडियो शेयर किया जाता है। जनता को बरगलाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। हद तो तब हो जाती है जब विपक्ष एनडीए पर दबाव बनाने के लिए बोलता है कि यदि 400 पार इस बार भाजपा की सीटें आ गईं तो भाजपा संविधान बदलकर आरक्षण खत्म कर देगी। दरअसल हमेशा से सत्ता में रहने वाली कांग्रेस और उसके साथी दल पिछले दस सालों से सत्ता से बाहर हैं। कांग्रेस तो हमेशा से ही सत्ता में रही या तो कांग्रेस की देश में सरकार रही या फिर जो भी सरकार रही वह कांग्रेस के रहमोकरम पर रही। यदि कांग्रेस की नहीं मानी गई तो उस सरकार को गिरा दिया गया।

अब कांग्रेस इस बात को पचा ही नहीं पा रही है, वह किसी भी सूरत में सिर्फ सत्ता पाना चाहती है भले ही इसके लिए उसे कुछ भी करना पड़े। भले ही उसे कितने ही झूठ और प्रपंच रचने पड़ें। राहुल गांधी देश में आर्थिक सर्वेक्षण कराए जाने की बात करते हैं, तो कभी इंडी गठबंधन में शामिल लालू प्रसाद यादव के प्रतिभामुखी पुत्र तेजस्वी यादव एक करोड़ सरकारी नौकरी देने की बात करते हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री वोट के लिए सीएए को लागू नहीं होने देने की बात बोलती हैं।

इन चुनावों में विपक्ष की एक लाइन भी नजर नहीं आ रही है, जिस पर वह भाजपा को घेर सके। इसलिए एक नया प्रपंच गढ़ा गया। गृहमंत्री अमित शाह का एक वीडियो बनाया गया। जिसमें वह बोलते नजर आ रहे हैं कि वे गैर संवैधानिक एससी एसटी के आरक्षण को समाप्त कर देंगे। दरअसल जो वीडियो वायरल हुआ वह 23 अप्रैल को अमित शाह ने तेलंगाना के चेवल्ला में दिए गए एक भाषण को एडिट करके एआई के जरिए बनाया गया। असल में अमित शाह में एससी एसटी के आरक्षण को लेकर नहीं बोल रहे थे। उन्होंने कहा था कि यदि भाजपा की सरकार बनी तो वह गैर संवैधानिक मुस्लिम आरक्षण को समाप्त कर देगी। यह इसलिए कहा क्योंकि तेलंगाना में मुस्लिमों को ओबीसी कैटेगरी के भीतर शिक्षा और नौकरियों में चार प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। इसी संदर्भ में अमित शाह ने यह बात बोली थी।

विपक्ष जानता था कि यह वीडियो फर्जी है बावजूद इसके इसको शेयर किया गया। 28 अप्रैल को झारखंड कांग्रेस के हैंडल से इस वीडियो को शेयर किया गया। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने 25 अप्रैल को अपने भाषण में भी झूठा दावा किया कि भाजपा 2025 तक एससी, एसटी और ओबीसी के आरक्षण को खत्म कर देगी। फर्जी वीडियो मामले में जांच में शामिल होने के लिए रेवंत रेड्डी को दिल्ली पुलिस ने नोटिस भेजा है। फर्जी वीडियो की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस कई राज्यों में जांच कर रही है। यहां तक कि इस मामले में गुजरात पुलिस की अहमदाबाद साइबर क्राइम टीम ने दो लोगों को गिरफ्तार भी किया है। दोनों आरोपी आम आदमी पार्टी और कांग्रेस से जुड़े हुए हैं। एक का नाम सतीश वनसोला और दूसरे का नाम आर. बी. बारिया है। सतीश कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवानी का क्षेत्रीय कार्यालय संभालता है जबकि आर बी बारिया आम आदमी पार्टी के दाहोद जिले का प्रमुख है। दोनों ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए थे।

बता दें कि एआई के माध्यम वीडियो बनाकर चुनाव में माहौल खराब करने की कोशिश को लेकर पिछले दिनों टेक्नोलॉजी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने चेतावनी जारी कर कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बने कंटेंट का उपयोग करके चुनावों में दखलअंदाजी की जा सकती है। हालांकि यह बात उसने चीन के संबंध में कही थी, लेकिन भले ही इसके पीछे चीन का हाथ न हो लेकिन एआई का इस्तेमाल करके ऐसा करने का प्रयास तो किया गया। यह आशंका तो सही सिद्ध हुई कि एआई का इस्तेमाल करके ऐसा किया जा सकता है। अपने इस भौंडेपन से विपक्ष को बाहर आकर सही मुद्दों के साथ चुनाव प्रचार करना चाहिए, कहीं ऐसा न हो कि विपक्ष पिछली बार से भी बुरी स्थिति में आ जाए।

डिस्कलेमर: उपरोक्त विचार लेखक के निजी विचार हैं ।