नई दिल्ली। अमेठी और रायबरेली से अब तक कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। वहीं, दोनों लोकसभा सीटों पर नामांकन खत्म होने की तारीख भी करीब आ गई है। अमेठी और रायबरेली में नामांकन की अंतिम तारीख 3 मई है। दोनों सीटों पर 20 मई को मतदान होना है। अमेठी से बीजेपी से फिर स्मृति इरानी मैदान में हैं। वहीं, रायबरेली से अभी बीजेपी ने भी प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इसका अब तक पता नहीं चल सका है। हालांकि, मंगलवार को सूत्रों के हवाले से ये खबर आई थी कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ने के लिए उत्सुक नहीं हैं। वहीं, सूत्रों ने ये भी बताया था कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी रायबरेली से चुनाव लड़ने से ये कहकर इनकार कर दिया है कि वो देशभर में कांग्रेस के लिए प्रचार का ही काम करना चाहती हैं।
अमेठी सीट की बात करें, तो राहुल गांधी यहां से 2004 से लोकसभा चुनाव लड़ते और लगातार जीतते रहे। 2019 में उनको अमेठी सीट पर स्मृति इरानी ने पटकनी दी थी। राहुल गांधी को शायद अमेठी से अपनी पराजय का अंदाजा था। इस वजह से उन्होंने केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ा था और वहां से जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। इस बार भी राहुल गांधी ने वायनाड सीट पर चुनाव लड़े। वायनाड में 26 अप्रैल को मतदान हो चुका है।
रायबरेली सीट की बात करें, तो यहां से सोनिया गांधी एक उपचुनाव मिलाकर 5 बार जीत चुकी हैं। 2019 में जब कांग्रेस यूपी में सभी सीटें हारी थी, तो सोनिया गांधी अकेली ही प्रत्याशी थीं, जो जीती थीं। इस बार सोनिया गांधी राजस्थान के रास्ते राज्यसभा चली गई हैं। पहले कयास लग रहे थे कि उन्होंने बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए सीट छोड़ी है, लेकिन अगर प्रियंका रायबरेली से नहीं लड़ती हैं, तो कांग्रेस किसे अपनी ये परंपरागत सीट देगी?