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2027 में भारत को मिल सकती है पहली महिला चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के 9 नामों की सिफारिश को मिली केंद्र की मंजूरी

Supreme Court: वैसे तो सुप्रिम कोर्ट में तैनात इन सभी महिला न्यायाधीशों ने सार्वजनिक, निजी कानून और शासन से जुड़े अलग-अलग जरूरी मुद्दों पर फैसला लेकर भारतीय न्यायिक प्रणाली में अपना महान योगदान दिया हो लेकिन सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व में आने के 70 सालों बाद भी अब तक भारत की कोई महिला मुख्य न्यायाधीश का पद नहीं पा सकी।

नई दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट को जल्द ही 9 नए जज मिलने वाले हैं। केंद्र को चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम की तरफ से भेजे गए सभी 9 नामों को स्वीकृति मिल गई है। इन नामों में तीन महिला जज भी शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट में जजों के कुल 34 पदों में से 33 इन नई नियुक्तियों के बाद पूरी हो जाएगी। यहां देखें सुप्रीम कोर्ट में अबतक महिला जजों की क्या है स्थिति

मिल सकती है भारत को पहली महिला चीफ जस्सिटस

कॉलेजियम की तरफ से भेजे गए नामों में शामिल इन जजों जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बी वी नागरत्ना और पी एस नरसिम्हा में से किसी का भारत के मुख्य न्यायाधीश बनने की संभावना हैं। फिहलाह सुप्रीम कोर्ट में अब तक कोई भी महिला चीफ जस्टिस नहीं है। माना जा रहा है सितंबर 2027 तक जस्टिस नागरत्ना के रूप में भारत को अपनी पहली महिला चीफ जस्टिस मिल सकती है।

SC.

पुरूषों की तुलना में महिला जज कम

सुप्रीम कोर्ट में महिला जज की स्थिती देखें तो पुरूषों की तुलना में ये काफी कम है। बहुत कम ही महिला जज सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त हैं। हाल ही में जस्टिस इंदु मल्होत्रा सेवानिवृत्त हुई हैं जिनके बाद अब वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में केवल एक महिला न्यायाधीश हैं। साल 2018 में नियुक्ति हुई जस्टिस इंद्रा बनर्जी अगले साल रिटायर हो जाएंगी।

FATIMA BIBI

SC की पहली महिला न्यायाधीश फातिमा बीबी

जस्टिस फातिमा बीबी सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला न्यायाधीश थीं जिन्हें साल 1989 में नियुक्त किया गया था। इसके बाद न्यायमूर्ति सुजाता वी मनोहर दूसरी महिला न्यायाधीश थीं, जिन्हें 1994 में सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किया गया था। वहीं सुप्रीम कोर्ट में पहुंचने वाली तीसरी महिला न्यायाधीश रूमा पाल थीं, जो साल 2000 में नियुक्त हुईं थी।

आज तक कोई महिला नहीं बनीं CJI

वैसे तो सुप्रिम कोर्ट में तैनात इन सभी महिला न्यायाधीशों ने सार्वजनिक, निजी कानून और शासन से जुड़े अलग-अलग जरूरी मुद्दों पर फैसला लेकर भारतीय न्यायिक प्रणाली में अपना महान योगदान दिया हो लेकिन सुप्रीम कोर्ट के अस्तित्व में आने के 70 सालों बाद भी अब तक भारत की कोई महिला मुख्य न्यायाधीश का पद नहीं पा सकी।

कौन से हैं वो 9 नाम

केंद्र को चीफ जस्टिस एन वी रमना की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम की तरफ से भेजे गए सभी 9 नामों में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के आठ जज और एक वकील शामिल हैं। इन नामों में कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश ए.एस. ओका का नाम भी दर्ज है, जो की सभी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों में सबसे वरिष्ठ मुख्य न्यायाधीश हैं। इनके अलावा लिस्ट में गुजरात के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ, सिक्किम के मुख्य न्यायाधीश जे.के. माहेश्वरी, तेलंगाना की मुख्य न्यायाधीश हिमा कोहली भी हैं। हिमा कोहली हाईकोर्ट की एकमात्र सेवारत महिला मुख्य न्यायाधीश भी हैं।