newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

74th death anniversary of Mahatma Gandhi: बापू की पुण्यतिथि पर उनके जीवन, संघर्ष और आदर्शों को दिखाती 8 फिल्में, यहां देखें पूरी लिस्ट

74th death anniversary of Mahatma Gandhi: गांधी जी के जीवन के तमाम पड़ावों को दिखाने के लिए बॉलीवुड ने बहुत सी फिल्में बनाई हैं जिन्हें आज गांधी जी की 74वीं पुण्यतिथि में देखकर उनके आदर्शों को हम अपने जीवन में उतार सकते हैं।

नई दिल्ली। पूरी दुनिया को अंहिसा के रास्ते पर ले जाने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी स्वयं हिंसा का शिकार होकर देश को अलविदा कह गए थे। 30 जनवरी 1948 में नाथूराम गोडसे ने उनकी गोली मार कर हत्या कर दी थी। देश को आजादी दिलाने के लिए उन्हें जो संघर्ष करना पड़ा वो काफी प्रेरणा देने वाला है। गांधी जी के जीवन के तमाम पड़ावों को दिखाने के लिए बॉलीवुड ने बहुत सी फिल्में बनाई हैं, जिन्हें आज गांधी जी की 74वीं पुण्यतिथि पर देखकर उनके आदर्शों को हम अपने जीवन में उतार सकते हैं। तो आइये जानते हैं कौन सी हैं वो फिल्में-

गांधी

ये एक ऑस्कर विनिंग बायोग्राफिकल फिल्म है। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह साउथ अफ्रीका से वापस आने के बाद गांधी जी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अंहिसा के मार्ग पर चलते हुए अपनी आवाज बुलंद की थी। फिल्म में इंग्लिश एक्टर बेन किंग्सले ने गांधी जी का रोल निभाया है, जिसमें उन्होंने अपने अभिनय से कैरेक्टर और फिल्म में जान डाल दी है।

गांधी

हे राम

साल 2000 में आई फिल्म ‘हे राम’, एक शख्स  साकेत राम (कमल हासन) की कहानी पर आधारित है। फिल्म में दिखाया गया है कि एक हिंसा में साकेत की पत्नी अपर्णा (रानी मुखर्जी) की मौत हो जाती है। पत्नी की मौत से दुखी साकेत, गांधी (नसीरुद्दीन शाह) जी की हत्या करने का मन बना लेता है। हालांकि ये एक काल्पनिक कहानी है।

हे राम फिल्म

द मेकिंग ऑफ महात्मा

श्याम बेनेगल निर्देशित फिल्म ‘द मेकिंग ऑफ महात्मा’ में रजित कपूर ने यंग गांधी का रोल निभाया है। फिल्म में दिखाया गया है कि किस तरह साउथ अफ्रीका में पढ़ते हुए गांधी जी को कई संघर्ष करने पड़े। उन्हें रेसिज्म का सामना करना पड़ा। इसमें गांधी जी का रोल निभाने वाले रजित को नेशनल अवॉर्ड भी मिला था।

हे राम फिल्म

गांधी माय फादर

साल 2007 में रिलीज हुई फिल्म ‘गांधी माय फादर’, महात्मा गांधी और उनके बड़े बेटे हरिलाल गांधी के रिश्ते की कहानी को बयां करती है। हरिलाल हमेशा से ही गांधी जी की विचारधारा के विरूद्ध रहे थे। हालांकि, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कोई खास कमाल नहीं कर सकी थी, फिर भी इसने दर्शकों को गांधी परिवार की एक अनसुनी कहानी से रूबरू कराया। इसे नेशनल अवॉर्ड भी प्राप्त हुआ था।

गांधी माय फादर

लगे रहो मुन्नाभाई

राज कुमार हिरानी के निर्देशन में साल 2007 में बनी फिल्म ‘लगे रहो मुन्नाभाई’, महात्मा गांधी की विचारधाराओं और उनके सिद्धांतो पर आधारित है। इस फिल्म में एक गुंडा (मुन्ना), गांधी जी के नक्शेकदम पर चलकर कई बड़ी मुश्किलों का हल आसानी से निकाल लेता है।

लगे रहो मुन्ना भाई

मैंने गांधी को नहीं मारा

साल 2005 में आई जाहनु बरुआ निर्देशित फिल्म मैंने गांधी को नहीं मारा एक अलग तरह की कहानी है। इसमें डायमेंशिया के मरीज उत्तम चौधरी को वहम हो जाता है कि उन्होंने अपनी टॉय गन से गांधी जी की हत्या की है। उत्तम की बीमारी से निपटने के लिए उनकी बेटी को काफी संघर्ष करना पड़ता है।

मैंने गांधी को नहीं मारा

नाइन आवर्स टू रामा

मार्क रॉबसन के निर्देशन में बनी ये फिल्म असल घटना पर आधारित है। इसमें महात्मा गांधी की हत्या से ठीक 9 घंटे पहले की कहानी दिखाई गई है। फिल्म में दिखाया गया है कि नथुराम गोडसे भारत में हिंदू-मुस्लिम के बीच हो रहे झगड़ों से इतने प्रभावित हो जाते हैं कि वो होश खोकर गांधी जी की हत्या कर देते हैं। फिल्म में जेएस कश्यप ने गांधी जी और जोस बचोल्स ने नथुराम गोडसे की भूमिका निभाई है।

नाइन आवर्स टू रामा

व्हाय आई किल्ड गांधी

अशोक त्यागी द्वारा निर्देशित अपकमिंग फिल्म ‘व्हाय आई किल्ड गांधी’ इस समय विवादों के घेरे में हैं। फिल्म को गांधी जी की डेथ एनिवर्सरी यानी आज ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज किया जाना था, लेकिन इस पर बैन करने की मांग उठ रही है। ये मामला अब अदालत में चला गया है। कहा जा रहा है कि इस फिल्म में नथुराम गोडसे की छवि को अच्छा और गांधी जी को नेगेटिव दिखाकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।

व्हाय आई किल्ड गांधी