नई दिल्ली। बॉलीवुड के मशहूर एक्टर अभय देओल आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं। अभय सुपरस्टार धर्मेंद्र के भतीजे हैं। अभय का जन्म 15 मार्च 1976 को धर्मेंद्र के भाई और अभिनेता अजीत सिंह देओल और उषा देओल के घर हुआ था। साल 2005 में इम्तियाज अली की फिल्म ‘सोचा ना थे’ से बॉलीवुड में डेब्यू करने वाले अभय ने ‘आहिस्ता- आहिस्ता’, ‘एक चालीस की लास्ट लोकल’, ‘ओए लकी! लकी ओए’, ‘देव डी’, ‘रांझड़ा’, ‘चक्रव्यूह’, ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’, जैसी कई फिल्मों में मुख्य भूमिका में नजर आ चुके हैं। बेबाक अंदाज से सुर्खियों में रहने वाले अभय कई बार विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रख चुके हैं। आइये आज उनके कुछ चुनिंदा मुद्दों की बात करते हैं, जिन्हें लेकर वो सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहे हैं।
फेयरनेस को बढ़ावा देने वाले एक्टर्स पर साधा निशाना
साल 2020 में अमेरिका में अश्वेत के खिलाफ आवाज उठाने वाले जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद पूरी दुनिया में रंगभेद के खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया था, जिसमें बॉलीवुड सेलिब्रिटीज ने भी बढ़- चढ़कर हिस्सा लिया था। इस दौरान अभय देओल ने इस मुद्दे को उठाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा था कि कुछ सालों पहले भारत में फेयरनेस क्रीम्स का जन्म हुआ है। पहले फेयरनेस क्रीम और अब स्किन वाइटनिंग जैसी क्रीम तक हम पहुंच चुकी हैं। कई ब्रांड्स सीधे तौर पर फेयरनेस क्रीम से जुड़ना नहीं चाहते हैं तो एचडी ग्लो, वाइट ग्लो, फाइन फेयरनेस जैसी नई चीजें आ गई हैं साथ ही बीते समय में कंपनी ने पुरुषों पर भी ध्यान देना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि अब फेयर एंड हैंडसम बनाना चाहते हैं।
हो चुके हैं नेपोटिज्म का शिकार
बॉलीवुड में जारी नेपोटिज्म के मुद्दे पर भी वो कूद चुके हैं। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया था, जिसमें उन्होंने अपनी सुपरहिट फिल्मों में से एक जिंदगी ना मिलेगी दोबारा को लेकर नाराजगी जाहिर की थी। इसमें उन्होंने बताया था कि किस तरह ऋतिक रोशन और कैटरीना कैफ के सामने उन्हें और फरहान अख्तर को सपोर्टिंग एक्टर्स बना दिया गया था। बता दें, ये फिल्म जोया अख्तर के डायरेक्शन में बनी थी।
बचपन से एक्टिंग का शौक
एक इंटरव्यू के दौरान अभय ने बताया था कि वो उनके पिता एक्टर हैं, इस वजह से एक्टर नहीं बने, बल्कि बचपन से ही उन्हें एक्टिंग का शौक था और वो स्कूल के समय से ही थियेटर में एक्टिव थे। उन्होंने बताया था कि, ‘मैंने 18 साल की उम्र में एक्टर बनने का फैसला कर लिया था। मुझे यह करने में 10 साल लगे क्योंकि फिल्मों के लिए मैं पढ़ाई को नहीं छोड़ना चाहता था।’
स्वभाव के चलते गंवाए कई रिश्ते
अभय देओल ने इंटरव्यू के दौरान ये भी बताया था कि अपने नेचर और पर्सनैलिटी की वजह से उन्हें कई रिश्ते गंवाने पड़े हैं। अभय कहते हैं कि वो अपने काम के प्रति ईमानदार रहना चाहते हैं, इसलिए कि वो हर मुद्दे पर खुलकर बोलते हैं, न क्योंकि सुर्खियों में बने रहने के लिए। वो चाहते हैं कि उन्हें उनकी पसंद का काम करने दिया जाए। अभय का कहना है कि उनके इस स्वभाव की वजह से उन्हें जज किया जाता है, जिसकी वजह से कई लोग उनसे दूर हो गए हैं।