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Badhaai Do Review: राजकुमार राव-भूमि पेडनेकर ने लगाया कॉमेडी और इमोशन का तड़का, पुरानी मानसिकता पर की चोट

Badhaai Do Review: निर्देशक हर्षवर्धन कुलकर्णी फिल्म ‘बधाई दो’ में कॉमेडी के साथ-साथ इमोशंस को भी भरपूर इस्तेमाल करते हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि LGBTQ कम्यूनिटी के लोगों कि जिदंगी में किस तरह की मुश्किलें आती हैं। फिल्म में समाज को इस समुदाय के बारे में नया दृष्टिकोण देने का प्रयास किया गया है।

फिल्म– बधाई दो
स्टार कास्ट– राजकुमार राव, भूमि पेडनेकर, गुलशन देवैया,चुम दरंग,शीबा पांडे, सीमा पाहवा और अन्य
निर्देशक– हर्षवर्द्धन कुलकर्णी
कहां देख सकते हैं– थिएटर
रेटिंग– 3.5 स्टार्स
राजकुमार राव और भूमि पेडनेकर की फिल्म ‘बधाई दो’ सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। फिल्म आम विषय से हटकर अलग टॉपिक पर बनाई गई है। जिस पर बात करना हमारे समाज में आज भी सहज नहीं समझा जाता। ये फिल्म साल 2018 में आई नेशनल अवॉर्ड विनिंग फिल्म ‘बधाई हो’ से बिलकुल अलग है।

‘बधाई हो’ की कहानी ओल्ड एज प्रग्नेंसी पर आधारित थी। वहीं, ‘बधाई दो’ में एलजीबीटीक्यू कम्यूनिटी (LGBTQ) से जुड़ी चुनौतियों को दर्शाया गया है। फिल्म में राजकुमार राव ने गे की भूमिका निभाई है, तो वहीं भूमि पेडनेकर लेस्बियन बनी हैं। फिल्म लैवेंडर मैरिज पर बेस्ड है। समझौते की इस शादी में दोनों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

क्या है फिल्म की कहानी ?

‘बधाई दो’ की कहानी शार्दुल ठाकुर (राजकुमार राव) और सुमन सिंह (भूमि पेडनेकर) के इर्द-गिर्द घूमती है। शार्दुल गे कम्युनिटी का हिस्सा होते हैं और सुमन लेस्बियन होती है। दोनों ऐसे परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, जहां समाज के डर से उन्हें अपनी सेक्शुएलिटी को छिपानी पड़ता है। परिवार और समाज के दवाब से दोनों शादी के लिए तो राजी हो जाते हैं, लेकिन ये एक समझौते की शादी होती है। अब देखना ये होता है कि कैसे दोनों अपनी सच्चाई को समाज से छिपाकर रखते हैं, या फिर सबसे सामने उनके झूठ का भांडा फूट जाता है।

कॉमेडी के साथ इमोशंस का तड़का

निर्देशक हर्षवर्धन कुलकर्णी फिल्म ‘बधाई दो’ में कॉमेडी के साथ-साथ इमोशंस को भी भरपूर इस्तेमाल करते हैं। फिल्म में दिखाया गया है कि LGBTQ कम्यूनिटी के लोगों कि जिदंगी में किस तरह की मुश्किलें आती हैं। फिल्म में समाज को इस समुदाय के बारे में नया दृष्टिकोण देने का प्रयास किया गया है। ‘बधाई दो’ में आयुष्मान खुराना ने भी पुरानी मानसिकता को बदलने का प्रयास किया था। फिल्म का फर्स्ट हाफ थोड़ा स्लो होगा, लेकिन सेकंड हाफ एंटरटेनमेंट से भरा होगा। बात अगल फिल्म के म्यूजिक और साउंड डिजाइन की करें तो, इसपर भी काफी मेहनत की गई है।