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Gangubai Controversy: गंगूबाई को ‘सेक्स वर्कर’ बनाकर घिरे फिल्म निर्माता, परिवारवालों ने लगाई भंसाली और राइटर हुसैन की क्लास

Gangubai Controversy: गंगूबाई ने चार बच्चों को अडॉप्ट किया था। आज उनकी फैमिली में बढ़कर 20 लोग हो गए हैं। अपनी जिंदगी में व्यस्त चल रहे इस परिवार की मुसीबत तब बढ़ गई, जब इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ। इतना ही नहीं, इन्हें तो यह भी नहीं पता था कि उनकी मां पर कोई किताब भी लिखी जा चुकी है।

नई दिल्ली। गंगूबाई काठियाडवाड़ी के ट्रेलर रिलीज होने के बाद एक ओर जहां दर्शक इसके रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं, तो वहीं गंगूबाई काठियावाड़ी फिल्म ने उनके परिवार की परेशानी बढ़ा दी है, आलम यह है कि परिवार अब मुंबई के घरों में बार-बार अपना आशियाना बदल रहा है, ताकि लोगों के कड़वे सवालों से बच सकें। बता दें, कि परिवारवालों ने फिल्म निर्माता संजय लीला भंसाली और राइटर हुसैन जैदी पर मानहानि‍ का केस दर्ज किया है।

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गंगूबाई के परिवार की बढ़ी मुसीबतें

गंगूबाई ने चार बच्चों को अडॉप्ट किया था। आज उनकी फैमिली में बढ़कर 20 लोग हो गए हैं। अपनी जिंदगी में व्यस्त चल रहे इस परिवार की मुसीबत तब बढ़ गई, जब इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज हुआ। इतना ही नहीं, इन्हें तो यह भी नहीं पता था कि उनकी मां पर कोई किताब भी लिखी जा चुकी है। लगातार अपने रिलेटिव्स के बीच मजाक बन रहे उनके बेटे ने अपनीं मां (गंगूबाई) और परिवार की इज्जत को बचाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

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लोगों ने मांगा गंगूबाई के बेटे होने का सबूत

गंगूबाई की फैमिली वकील नरेंद्र बताया है कि जिस तरह से गंगूबाई की इमेज को दर्शाया जा रहा है, वो पूरी तरह से गलत है. यह पूरी तरह से वल्गर है. आप एक सोशल एक्टिविस्ट को प्रोस्टीट्यूट की तरह रिप्रेजेंट कर रहे हो, दूसरी बात ये है कि हमारे यहां के सिस्टम ऐसा है कि अगर आपके घर की इज्जत सरेआम नीलाम हो रही है, तो लोग यहां उनकी इज्जत को बचाने के बजाए बेटे से ही सबूत मांग रहे हैं कि वो उनके बेटे हैं। इसे प्रूव करो। हालांकि, हमने इसे कोर्ट में साबित कर दिया है, लेकिन अब हमारे मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

लोगों के सवालों से बचने के लिए बदल रहे घर

बेटे का कहना है कि 2020 से उनकी लड़ाई शुरु हो गई थी। जब उनके बेटे को पता चला कि कोई बुक आई है और उनकी मां पर फिल्म बन रही है और जब फिल्म की प्रोमो में उनकी मां की तस्वीर देखी, तब जाकर परिवार को इस बात का पता चला। बता दें, कि अभी उनका परिवार खुद को छिपाता फिर रहा है। कभी अंधेरी, तो कभी बोरीवली जैसी जगहों में शिफ्ट हो रहा है। रिलेटिव जो हैं, वो उनको सन ऑफ बीच कहकर बुला रहे हैं, जानने वाले लोग पूछ रहे हैं कि क्या वाकई तुम्हारी मां प्रॉस्टीट्यूड थी। तुम तो कहते थे कि वो सोशल वर्कर हैं, लेकिन फिल्म तो कुछ और कह रही है। जबसे बवाल हुआ है, तब से परिवार वालों का मेंटल स्टेटस ठीक नहीं है। कोई भी शांति से नहीं रह पा रहा है। उन्हें 1949 में अडॉप्ट किया गया था।  हमने संजय लीला भंसाली और राइटर हुसैन जैदी को नोटिस भेजा है हालांकि उनका कोई रिस्पॉन्स नहीं आया है।

मेरी मां को प्रॉस्टीट्यूट बना दिया 

गंगूबाई के अडॉप्टेड बेटे बाबूरावजी शाह ने एक न्यज चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि मेरी मां को तो प्रॉस्टीट्यूड बनाकर रख दिया। मेरी मां के बारे में लोग अब तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। मुझे नहीं अच्छा लगता है। वहीं, उनकी नतिनी भारती का कहना है कि इन मेकर्स ने अपने पैसे की लालच में आकर मेरे परिवार को डी-फेम कर दिया है। भारती आगे कहती हैं, मेरी नानी कमाठीपुरा में रहती थी, तो क्या वहां रहने वाली हर औरत वैश्या हो गई। मेरी नानी ने वहां चार बच्चों को अडॉप्ट किया था। जो प्रॉस्टीट्यूट के ही बच्चे थे। हम एक ओर जहां फख्र से अपनी नानी के किस्से लोगों को सुनाया करते थे, वहीं ट्रेलर के आ जाने के बाद तो हमारी इज्जत की धज्जियां उड़ गई हैं। इन लोगों ने तो मेरी नानी को क्या से क्या बना दिया है। हमें तो लोग प्रॉस्टीट्यूट की औलाद कह रहे हैं। अब हमारा परिवार दुनिया के सामने आने से भी डर रही है।