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Happy Birthday Gulzar: जब न चाहते हुए गुलजार को अपनी डेब्यू फिल्म से हटाना पड़ा था गाना, जानिए क्या थी वजह

Happy Birthday Gulzar: सम्पूर्ण सिंह कालरा से गुलजार बनने तक का उनका सफर बेहद दिलचस्प रहा है। इस सफर में उन्होंने जीवन में कई परिस्थितियों का सामना भी किया। जिनका उन्होंने डटकर सामना किया। यह उनके आत्मविश्वास का ही नतीजा है कि आज वह उस मुकाम पर हैं, जहां पहुंचने का सपना हर वो कलाकार देखता है, जिसके अंदर हिंदी सिनेमा में कुछ कर गुजरने की चाहत होती है।

नई दिल्ली। फिल्मी करियर में अपनी अलग पहचान बनाने वाले गुलजार साहब आज अपना जन्मदिन मना रहे हैं। गुलजार साहब उर्फ सम्पूर्ण सिंह कालरा आज 87 साल के हो गए हैं। 5 दशक से भी ज्यादा समय से फिल्मी करियर में, गुलजार हिंदी फिल्म इंडस्ट्री ने अच्छा खासा नाम बना लिया है। अपनी कहानियों, निर्देशन, कविताओं, शेर, नज्मों और गीतों से लोगों का मनोरंजन करने वाले गुलजार के चाहने वाले भी कही कम नहीं है। कहा जाता है कि उनकी कलम में एक ऐसी शक्ति है, जो हमें आज भी मंत्रमुग्ध कर देने की ताकत रखती है। गुलजार भारतीय ग्रामीण समाज से लेकर गरीबों और दलितों तक, सभी फिल्मों में महिला पात्रों को सशक्त बनाने में विश्वास रखते आए है। उन्होंने अपनी कलम से कई ऐसे गीत लिखे, जिन्हें सुनकर आज भी मन खुशी से झूम उठता है।

बता दें कि सम्पूर्ण सिंह कालरा से गुलजार बनने तक का उनका सफर बेहद दिलचस्प रहा है। इस सफर में उन्होंने जीवन में कई परिस्थितियों का सामना भी किया। जिनका उन्होंने डटकर सामना किया। यह उनके आत्मविश्वास का ही नतीजा है कि आज वह उस मुकाम पर हैं, जहां पहुंचने का सपना हर वो कलाकार देखता है, जिसके अंदर हिंदी सिनेमा में कुछ कर गुजरने की चाहत होती है।

गुलजार ने फिल्म से हटाया गाना

गुलजार से एक बेहद की खास किस्सा जुड़ा है, जब गुलजार को न चाहते हुए भी अपनी फिल्म से अपना ही गाना हटाना पड़ा था। दरअसल गुलजार की निर्देशक के तौर पर डेब्यू फिल्म ‘मेरे अपने’ साल 1971 में रिलीज हुई थी। लेकिन उस दौराम कुछ ऐसा हुआ कि गुलजार को न चाहते हुए भी अपनी इस फिल्म से एक गाना हटाना पड़ा।

दरअसल गुलजार फिल्म ‘मेरे अपने’ के साथ निर्देशन में अपना डेब्यू कर रहे थे। साल 1968 में तपन सिन्हा द्वारा इस पर एक बंगाली फिल्म भी बनाई जा चुकी थी। अन्नू कपूर ने अपने एक शो में बताया, कि गुलजार ने फिल्म की कहानी में थोड़े बदलाव किए और निर्देशन के क्षेत्र में उतर गए। इस फिल्म में विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, मीना कुमारी, देवेन वर्मा, डैनी डेन्जोंगपा और असरानी जैसे कई दिग्गज कलाकार अहम भूमिका में दिखाई दिए थे। एक तरफ जहां ये फिल्म गुलजार की निर्देशक के तौर पर पहली फिल्म थी। वहीं, दूसरी ओर यह फिल्म मीना कुमारी के जीवन की आखिरी फिल्म रही।

मीना कुमारी की वजह से हटाया गया गाना

इस फिल्म में मीना कुमारी ने एक बुजुर्ग महिला का किरदार निभाया था। इस फिल्म में दो गाने सुपरहिट थे। वे कुछ इस प्रकार हैं- हाल चाल ठीक ठाक है… और कोई होता जिसको अपना हम अपना कह लेते… ये दोनों ही गाने अपने दौर में और आज भी काफी लोकप्रिय हैं। इन दो गानों के अलावा गुलजार साहब ने इस फिल्म के लिए एक और गाना लिखा था। यह गाना गुलजार साहब को बहुत पसंद भी आया था। पहले तो इस गीत को बैकग्राउंड में चलाने का फैसला किया गया था, लेकिन बाद में गुलजार साहब ने फैसला लिया कि वह इस गाने को फिल्म में मीना कुमारी पर फिल्माया जाएगा।

लेकिन जब तक यह गाना तैयार हुआ, तब तक फिल्म की शूटिंग खत्म हो गई थी। शूटिंग खत्म होने के बाद मीना कुमारी बहुत ज्यादा बीमार भी पड़ गई थीं। उनकी हालत इतनी खराब थी कि वह गुलजार के लिए वह गाना शूट नहीं कर सकती थीं। हालांकि पहले गुलजार ने मीना कुमारी का काफी इंतजार किया लेकिन जब मीना कुमारी की हालत में कोई सुधार नहीं दिखा तो गुलजार ने फैसला किया कि इस गाने को ही फिल्म से हटा दिया जाए। लेकिन वह ऐसा करना नहीं चाहते थे।