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Liger Hindi Movie Review: विदेश में हिन्दुस्तान का दम दिखाने और झंडा लहराने गया लाइगर, फिल्म में दर्शकों को खूब हंसाता और तालियां बजवाता है

Liger Hindi Movie Review: विदेश में हिन्दुस्तान का दम दिखाने और झंडा लहराने गया लाइगर, फिल्म में दर्शकों को खूब हंसाता और तालियां बजवाता है क्या ये फिल्म हिंदी भाषा में अपना जलवा दिखा पायेगी या फिर हिंदी भाषा में ये फिल्म देखने के लायक है या नहीं ? यहां हम इसी बारे में बात करेंगे।

नई दिल्ली। लाइगर (Liger) फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज़ हो गई है। कल गुरुवार को इस फिल्म को रिलीज़ किया गया। जहां सुबह इस फिल्म को दक्षिण भाषा में रिलीज़ किया गया। वहीं गुरुवार की शाम इस फिल्म को हिंदी भाषा में रिलीज़ किया गया है। फिल्म में विजय देवराकोण्डा (Vijay Deverakonda), अनन्या पांडेय (Ananya Pandey), राम्या कृष्णा (Ramya Krishna), और रोनित रॉय (Ronit Roy) ने मुख्य भूमिका निभाई है। इसके अलावा फिल्म में चंकी पांडेय (Chanky Pandey) और कॉमेडियन अतुल (Atul Parchure) का भी रोल देखने को मिलता है। फिल्म में साउथ के बड़े स्टार विशु रेड्डी (Vishu Reddy) और कॉमेडियन अली (Ali) भी देखने को मिलते हैं। इसके अलावा थिएटर में अपने नाटकों और एक्टिंग के लिए मशहूर मकरंद देश पांडेय (Makrand Desh Pandey) भी देखने को मिलते हैं। फिल्म को पूरी जगन्नाथ (Puri Jagannath) ने निर्देशित किया है। इसके अलावा हिंदी में इस फिल्म का निर्माण करण जौहर (Karan Johar) की कम्पनी धर्मा प्रोडक्शन ने किया है। तमाम कारणों से इस फिल्म का विरोध हुआ। इसके बाद पहले दिन के रिव्यू भी कुछ ख़ास नहीं आये। लेकिन क्या ये फिल्म हिंदी भाषा में अपना जलवा दिखा पायेगी या फिर हिंदी भाषा में ये फिल्म देखने के लायक है या नहीं ? यहां हम इसी बारे में बात करेंगे।

क्या है कहानी

कहानी एक लड़के की है जो खुद को फाइटर मानता है खुद का नाम लाइगर बताता है। उसकी एक समस्या है की वो रुक-रुक कर बोलता है, हकलाता है। उसकी एक मां भी है जिसके पति की मृत्यु हो चुकी है। मां ने इस बच्चे को पाला है और वो चाहती है कि उसका बच्चा लाइगर बड़ा होकर MMA चैंपियन बने। दोनों मां-बेटे मुंबई में चाय बनाते हैं। लड़का हकलाता जरूर है, लेकिन जब उसका कोई मजाक उड़ाता है तो उनकी पिटाई भी जमकर करता है। उसके सामने न कोई उसकी मां की बेइज्जती कर सकता है और न कोई उसके प्रेरणाश्रोत की। आप सोच रहे होंगे उसके प्रेरणाश्रोत कौन हैं। उसके प्रेरणाश्रोत हैं मार्क एंडरसन। ये वही मार्क एंडरसन हैं जिन्हें दुनिया माइक टाइसन (Mike Tyson) के नाम से जानती है।

लाइगर, माइक टाइसन से मिलकर उनके साथ सेल्फी लेना चाहता है। लेकिन ये सम्भव कहां है ? कहां माइक टाइसन और कहां मुंबई में रहने वाला लाइगर। माइक टाइसन से मिलने का सपना तो छूट जाता है, लेकिन लाइगर और उसकी मां MMA चैम्पियन बनने का सपना नहीं छोड़ते हैं। MMA चैम्पियन क्यों बनना है ये आपको फिल्म देखने पर ही पता चलेगा। लाइगर को चैम्पियन बनाने के लिए उसकी मां और वो मास्टर के पास जाते हैं। जो रेसलिंग कोच हैं। मास्टर का किरदार रोनित रॉय ने निभाया है। पहले तो मास्टर उसे Fight सिखाने से मना कर देते हैं फिर वो इसे सिखाने के लिए राजी हो जाते हैं और लाइगर मास्टर के साथ सीखने लगता है। मास्टर के पास सीख रहे बच्चे भी लाइगर के हकलेपन का मजाक बनाते हैं लेकिन लाइगर को लड़ना आता है, उसे लोगों को मारना आता है और इसीलिए अपनी फाइट के सहारे सभी को चुप कर देता है।

लाइगर की जिंदगी का सपना जहां MMA चैम्पियन बनने का है वहीं उसकी जिंदगी में एक लड़की आ जाती है जिसका नाम है तान्या। तान्या का रोल अनन्या पांडेय ने निभाया है। हालांकि लाइगर की मां और कोच चाहते हैं कि लाइगर लड़की से दूर रहे और अपने लक्ष्य पर फोकस रखे। लेकिन लड़की के आने के बाद लाइगर का ध्यान भटकने लगता है। फिल्म में एक और चैम्पियन फाइटर है जिसका नाम है संजू। इसे विष रेड्डी ने निभाया है। संजू, तान्या का भाई है। लाइगर और संजू की बनती नही है। संजू अपनी बहन तान्या को बताता है कि उसने एक हकलाने वाले लड़के से प्यार किया है। तान्या का दिल टूट जाता है और वो लाइगर को छोड़ देती है।

लाइगर उसके पीछे भागता है पर तान्या और वो अलग हो जाते हैं। उसके बाद लाइगर फाइटिंग पर फोकस रखता है और उसके अंदर तान्या से बिछड़ने का रोष (गुस्सा) होता है। काफी चैम्पियनशिप में वो फाइट करता है और जीतता है। फिर उसे वर्ल्ड लेवल की चैम्पियनशिप के लिए जाना होता है जहां पहुंचने के लिए कोई उसकी मदद नहीं करता है लेकिन अचानक भगवान की कृपा से एक आदमी आता है और उसकी मदद हो जाती है।

चंकी पांडेय का किरदार लाइगर को विदेश बुलाता है वहां भी लाइगर जीतता है। चंकी पांडेय का किरदार लाइगर से कहता है कि तुम्हें यहां दिखाना है की हिंदुस्तान क्या है। तुम्हे भारत का झंडा फहराना है। तभी लाइगर की एक्स गर्लफ्रेंड तान्या आ जाती है और लाइगर को पता चलता है कि तान्या चंकी पांडेय के किरदार की बेटी है। कहानी बढ़ रही होती है, तभी तान्या को किडनैप कर लिया जाता है। चंकी पांडेय का किरदार तान्या का लाइगर के प्रति प्यार के बारे में बताता है। चंकी पांडेय ने लाइगर की मदद क्यों की, उस बारे में बताता है। जिसके बाद लाइगर चैम्पियनशिप छोड़, अपने जीवन के ध्येय को छोड़, तान्या को बचाने चला जाता है। जहां उसको सामना करना उसके प्रेरणाश्रोत मार्क एंडरसन से। दोनों की फाइट होती है अंत में लाइगर अपनी गर्लफ्रेंड तान्या को बचा लेता है और कहानी खत्म हो जाती है। मार्क एंडरसन के साथ चल रही लाइगर फाइट को पूरा विश्व देखता है।

कैसी है फिल्म

यह एक मास एंटरटेनर फिल्म है। जिसमें टिपिकल साउथ ड्रामा है। अगर आप फिल्म में लॉजिक ढूंढने जायेंगे तो ये फिल्म आपको लॉजिक से परे लगेगी। ऐसा भी नहीं है कि फिल्म में सीन दर सीन जो जोड़े गए वहां लॉजिक की कमी है। बस उन सीन में लॉजिक नहीं है जो सब आसानी से, बहुत तेज़ी से हो रहा है। जब आप एक मास एंटरटेनर फिल्म देख रहे होते हैं। वहां आपको देखना होता है फिल्म दर्शकों का कितना मनोरंजन कर रही है? उस हिसाब से, मनोरंजन के मामले में फिल्म खरी उतरती है क्योंकि लोग खूब हंसते हैं, तालियां बजाते हैं और सीटियां मारते हैं। शुरुआत से लेकर अंत तक फिल्म में ड्रामा और हंसी की कमी नहीं है। लोग खूब हंसते हैं। इसके अलावा रोनित रॉय के हिस्से कुछ संवाद ऐसे भी हैं जो मोटिवेट भी करते हैं| जैसे वो एक संवाद में बोलते हैं- इस दुनिया में जब तुम कुछ पाने जाते हो, तब लोग पहले

तुमको इग्नोर करते हैं
फिर तुम्हारी बेज्जती करते हैं
फिर तुमसे लड़ते हैं
इसके बाद तुम जीतते हो

फिल्म में रोनित रॉय का एक और संवाद है जो बढ़िया है। वो कहते हैं की तुम्हे अगर कुछ बनना है तो लक्ष्य पर फोकस रखना होगा। अन्य चीज़ों से दूर रहना होगा। रोनित का एक संवाद है –

माता- पिता बच्चे को नाम देते हैं, पर उस नाम को तुम्हें बनाना होता है।

इन सब संवाद पर लोग तालियां मारते हैं और जब लाइगर , तान्या का गिरेबान पकड़ लेता है तो लोग खूब हँसते हैं। ऐसा नहीं है कि तान्या का गिरेबान पकड़कर उसे बेइज्जत किया जाता है बल्कि डायरेक्टर ने उसे कॉमिक अंदाज़ में दिखाया है। इसके अलावा एक मुंबई के लोकल ट्रेन का सीक्वेंस है वहां भी खूब हंसी है। लाइगर के हकलाने वाले किरदार से लोगों का कुछ इमोशन भी बंधता है और लोग उस किरदार के कारण हंसते भी हैं। चंकी पांडेय का किरदार जब आता है लोग सीटियां मारते हैं और उनके एक संवाद इंस्पायरिंग भी है जहां वो लाइगर से कहते हैं –

“मैं तुम्हारे लिए इतना कुछ कर रहा हूं इसके लिए तुम्हे मुझे फेवर करना है – तुम्हें हिन्दुस्तान का झंडा यहां लहराना है। अगर तुममे दम है तो दिखाओ कि – हिन्दुस्तान क्या है।”

कुल मिलाकर कहा जाए तो फिल्म पूरी तरह से एंटरटेनमेंट का पैकेज है जिसे देखकर आप मजे कर सकते हैं। आप रिलैक्स कर सकते हैं। जब आपको ज्यादा दिमाग न लगाकर एन्जॉय करना हो तो फिल्म देख सकते हैं| मूड फ्रेश हो जाएगा। कहानी में थोड़ा सस्पेंस भी है, कुछ अच्छे संवाद है, लेकिन पूरी फिल्म के दौरान आपका मजा कम नहीं होगा बस लॉजिक पर जाकर फिल्म को तौलने न लगियेगा ।