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Pathaan: पूर्व फिल्म निर्माता और सेंसर बोर्ड के चेरयमैन पहलाज नहलानी “पठान फिल्म” के सपोर्ट में, बोले- रंग के कारण बदलाव के लिए कहना गलत

Pathaan: शाहरुख खान को इन विरोध से कोई असर नहीं पड़ा लेकिन मेकर्स के लिए मुसीबत तब खड़ी हो गई जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म और उसके गाने में बदलाव करने को कह दिया। प्रोड्यूसर और सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पहलाज नहलानी, मौजूदा सेंसर बोर्ड की इस पहल के बारे में क्या कहते हैं, यहां हम यही बताने का प्रयास करेंगे।

नई दिल्ली। शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण की फिल्म पठान का जमकर विरोध हुआ है। विरोध का कारण फिल्म का शीर्षक है। फिल्म के शीर्षक पठान से लोगों को पहले ही आपत्ति थी और उन्हें पठान शीर्षक पसंद नहीं आया था। लोगों के कहा कि पठान शीर्षक ऐसा लगता है कि किसी एक धर्म के लोगों की छवि को साफ़ करने के लिए रखा गया हो। इसके अलावा फिल्म के गाने बेशरम रंग में प्रयुक्त भगवा रंग की बिकनी के कारण भी इस फिल्म का विवाद बढ़ा था। लोगों को भगवा रंग की बिकनी से आपत्ति थी। जिसके बाद फिल्म का तमाम दर्शक और साधू-संतों ने विरोध किया। हालांकि शाहरुख खान को इन विरोध से कोई असर नहीं पड़ा लेकिन मेकर्स के लिए मुसीबत तब खड़ी हो गई जब सेंसर बोर्ड ने फिल्म और उसके गाने में बदलाव करने को कह दिया। प्रोड्यूसर और सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पहलाज नहलानी, मौजूदा सेंसर बोर्ड की इस पहल के बारे में क्या कहते हैं, यहां हम यही बताने का प्रयास करेंगे।

जब से सेंसर बोर्ड ने पठान फिल्म के गाने और फिल्म में बदलाव के लिए मेकर्स से कहा है, तब से ये खबरें चर्चा में हैं कि पठान फिल्म के गाने बेशरम रंग में मौजूद भगवा रंग की बिकनी को अब हटाया जा सकता है। हालांकि सेंसर बोर्ड ने ये सुनिश्चित नहीं किया है कि उन्होंने मेकर्स को, फिल्म में से क्या हटाने के लिए कहा है। प्रसून जोशी जो मौजूदा सेंसर बोर्ड के चेयरमैन हैं उन्होंने ये जरूर कहा है कि मेकर्स को रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर ये ध्यान रखना चाहिए, वो जनता का विश्वास बनाए रखें।

इन सब खबरों के बाद ई-टाइम्स ने पहलाज नहलानी से बात की, जिस पर सेंसर बोर्ड के पूर्व चेयरमैन पहलाज नेहलानी का कहना है, “ऐसी कोई भी गाइडलाइन नहीं हैं जहां ये कहा गया हो कि रंग के वजह से फिल्म में काट-छांट होना चाहिए। अगर फिल्म में किसी प्रकार की अश्लीलता है, तो आप सुझाव दे सकते हैं। लेकिन अगर उन्होंने रंग को लेकर काट-छांट करने को कहा है, तो ये गलत कार्यवाही है। जरूर मंत्रालय के ऊपर दबाव होगा…पठान विवादों का शिकार है। जरूर मंत्रालय की तरफ से भगवा रंग वाले हिस्से को हटाने के लिए कहा गया होगा।”

आगे पहलाज निहलानी बताते हैं,“मंत्रालय की तरफ से प्रसून जोशी पर दबाव बनाया गया होगा कि वो फिल्म को ध्यान से देखें क्योंकि उसमें भगवा बिकनी को दिखाया गया है। उन्होंने बताया कि प्रसून जोशी के पास फिल्म को देखने का कोई अधिकार नहीं होता है बल्कि जांच-समिति फिल्म को देखती है कि फिल्म में क्यों और किस जगह कट लगने चाहिए। अगर भगवा रंग के कारण फिल्म में काट-छांट करने को कहा गया है, तो ये गलत है।”

पहलाज निहलानी को सेंसर बोर्ड का ये निर्णय सही नहीं लग रहा है उनका मानना है कि सिर्फ रंग के कारण फिल्म में बदलाव के लिए कहना गलत है। वहीं दर्शक सेंसर बोर्ड के इस निर्णय से खुश हैं। हालांकि पहलाज निहलानी ने पूर्व में खुद ये स्टेटमेंट दिया है कि निर्माताओं को पीके जैसी फिल्म नहीं बनानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने जब हैरी मेट सैली के ट्रेलर से “इंटरकोर्स” जैसे शब्द को हटा दिया था। नहलानी को साल 2017 में उनके पद से हटा दिया था और तब से लेखक प्रसून जोशी ने सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पद को संभाला है, जिन्होंने पठान फिल्म के गाने और फिल्म में बदलाव करने के लिए निर्माता को कहा है।