newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Kundali Bhagya 14 March: प्रीता का प्लान होगा फ्लॉप, महेश की हालत के लिए पूरा परिवार प्रीता पर लगाएगा दोष

Kundali Bhagya 14 March: पार्टी में प्रीता जज को लेकर आती है ताकि महेश को बेगुनाह साबित कर सके। हालांकि प्रीता का प्लान उल्टा पड़ जाता है और परिवार महेश की हालत के लिए प्रीता को जिम्मेदार ठहराता है। प्रीता घरवालों के तानों को सुनकर बिल्कुल टूट जाती  है और महेश की स्थिति का जिम्मेदार खुद को मानती है।

नई दिल्ली। कुंडली भाग्य भले ही टीआरपी की रेस से बाहर चल रहा हो लेकिन आज भी शो फैंस का पसंदीदा सीरियल है। बीते कई एपिसोड्स से सीरियल में दिखाया जा रहा है कि बर्थ-डे पार्टी का माहौल है और प्रीता पृथ्वी का सच घरवालों के सामने लाने का प्लान कर रही है। पार्टी में प्रीता जज को लेकर आती है ताकि महेश को बेगुनाह साबित कर सके। हालांकि प्रीता का प्लान उल्टा पड़ जाता है और परिवार महेश की हालत के लिए प्रीता को जिम्मेदार ठहराता है। प्रीता घरवालों के तानों को सुनकर बिल्कुल टूट जाती  है और महेश की स्थिति का जिम्मेदार खुद को मानती है।

KUNDALI BHAGYA 5 MARCH

टूट जाएगी प्रीता

आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि कृतिका महेश की हालत का आरोप प्रीता पर लगाती हैं। कृतिका कहती है कि प्रीता सबके साथ गेम खेल रही है और महेश( मामाजी) की हालत की जिम्मेदार वही हैं। वो जानबूझकर पार्टी में जज को लेकर आई ताकी महेश को सबके सामने गलत साबित कर सकते। ये सब सुनकर प्रीता फूट-फूट कर रोने लगती है। वो तहखाने में जाती है और महेश की हालत के बारे में सोचकर रोती है। वह खुद से यह कहते हुए बात करती है कि वह महेश को पृथ्वी से बचाने में कामयाब नहीं रही। प्रीता इसके लिए खुद को दोष देती है और कहती है कि वो पापा को तहखाने से बाहर नहीं निकाल पाई..वो किसी काम की नहीं है।

 

View this post on Instagram

 

A post shared by ???????? (@preeran_kdb)

एक बार फिर पृथ्वी को बाहर निकालने का प्लान करेगी प्रीता

वहीं समीर फिर प्रीता के पीछे जाता है और उसे शांत कराने की कोशिश करता है। समीर प्रीता से कहता है कि वो जानता है कि वो जो कुछ भी कर रही है वो परिवार के भले के लिए कर रही है। प्रीता रोते हुए कहती है कि वो महेश को नहीं बचा आई और ये उसकी सबसे बड़ी नाकामयाबी है। समीर के बाद सृष्टि आती है और प्रीता को समझाने की कोशिश करती है। सृष्टि कहती है कि सच को बाहर लाने के लिए कभी कभी परिवार वालों के खिलाफ जाना पड़ता है। प्रीता फिर उन्हें विश्वास दिलाती है कि वह तब तक हार नहीं मानेगी जब तक वह जीत नहीं जाती।